Supreme Court:भारत के नए न्यायाधीशों ने सोमवार को शपथ ली। इन न्यायाधीशों को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के जज के रूप में शपथ दिलाई गई। केंद्र सरकार के द्वारा न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई है। वहीं इस जजों के शपथ लेने के बाद अब शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जो पूरी क्षमता से दो कम है। 13 दिसंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई थी।
4 फरवरी को जजों की नियुक्ति को मिली मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट की काफी सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने शीर्ष कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति की। कानून मंत्री किरन रिजिजू ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। कानून मंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि “भारत के संविधान के तहत राष्ट्रपति ने हाईकोर्ट के पांच जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति किया है। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। पांचों जज 6 फरवरी को शपथ लेंगे।” वहीं जिस कॉलेजियम को लेकर विवाद चल रहा है उसके बारे में बता दें कि वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर प्रणाली को लेकर है। कॉलेजियम के द्वारा चुने हुए सदस्य भी जज ही होते हैं। इसके अलावा वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नए जजों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव भेजते हैं। मंजूरी मिलने के बाद जजों को अपॉइंट किया जाता है।
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केंद्र सरकार की तरफ से भी CJI को लिखी गई थी चिट्ठी
कानून मंत्री किरन रिजिजू ने जनवरी में CJI को पत्र लिखकर कॉलेजियम में अपना प्रतिनिधि शामिल करने के लिए कहा था। ऐसे में केंद्र के रुख को देखकर CJI की अगुआई में कॉलेजियम ने भी कहा था कि अब सभी मामले लोगों के बीच में आने चाहिए।
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