Supreme Court on Calcutta High Court: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें “किशोर लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने” की सलाह दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यक्ति की सजा भी बहाल कर दी, जिसे हाई कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप से बरी कर दिया था, जिसके साथ उसका ‘रोमांटिक अफेयर’ था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल पिछले साल हाईकोर्ट ने एक नाबालिग से रेप करने वाले व्यक्ति को बरी कर दिया था और कहा था कि नाबालिग लड़कियां “दो मिनट के आनंद के आगे झुकने” के बजाय अपनी यौन इच्छाओं को “नियंत्रित” करें। हालांकि इसके बाद से ही एक नए विवाद ने जन्म ले लिया था। मामला इतना बढ़ गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले पर टिप्पणी की थी और हाईकोर्टे के इस टिप्पणी को गलत ठहराया था। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते है इस मामले में आरोपी को दोषी माना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को पलटा
न्यायमूर्ति अजय एस ओक और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने सुनवाई के दौरान कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। जिसमें लड़कियों को अपने यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने के लिए कहा गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। आरोपी को दोषी करार देते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति उसकी सजा पर फैसला करेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फटकार लगाते हुए कहा कि यह केवल इन टिप्पणियों के बारे में नहीं है, बल्कि अदालत के निष्कर्षों के बारे में है। ऐसे फैसले लिखना बिल्कुल गलत है। न्यायाधीशों ने किस तरह के सिद्धांतों का आह्वान किया है?