Friday, November 22, 2024
Homeख़ास खबरेंSupreme Court ने फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने वाले...

Supreme Court ने फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने वाले याचिकाकर्ताओं की सभी दलीले को किया खारिज, जानें डिटेल

Date:

Related stories

‘सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं..,’ Bulldozer Action पर Supreme Court का सख्त रुख! सरकार को सुनाई खरी खोटी; पढ़ें रिपोर्ट

SC on Bulldozer Action: देश के अलग-अलग राज्यों में बुलडोजर एक्शन के तहत न्याय की नई परिभाषा गढ़ने वाले सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा।

‘जो जश्न मना रहे वे जल्दबाजी..,’ Aligarh Muslim University के अल्पसंख्यक दर्जे पर SC की टिप्पणी के बाद क्या बोल रहे यूजर्स?

Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट की ओर से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया है कि Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा अभी बरकरार रहेगा।

Supreme Court का बड़ा फैसला! Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार; जानें दर्जे को लेकर क्यों मचा था घमासान?

Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट (Supreme Court) में सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से स्पष्ट किया है कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा।

SC ने UP Madarsa Act पर हाई कोर्ट द्वारा दिए फैसले को पलटा, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खुशी जताते हुए कही खास बात

SC on UP Madarsa Act: उच्चतम न्यायालय (SC) ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए यूपी की योगी सरकार को बड़ा झटका दिया है।

चुनाव से पहले ‘फ्रीबीज’ वाले ऐलान पर Supreme Court की सख्ती, केन्द्र के साथ Election Commission को जारी किया नोटिस

Supreme Court on Freebies: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यही वजह है कि हमारे देश में मतदाता अपनी मनमर्जी और अपनी पसंद से सरकारों को चुनते हैं। यदि सरकारें उनके (जनता) मंशा के अनुरूप काम न करें तो चुनाव के माध्यम से उन्हें बदल भी दिया जाता है।

Supreme Court: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने की याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। गौरतलब है कि इसे लेकर सांसद कपिल सिब्बल ने डेटा सार्वजनिक करने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म 17सी को सार्वजनिक करने के मामले को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि इसे लेकर चुनाव आयोग ने बुधवार यानि 22 मई को एफिडेविट दाखिल किया था।

Supreme Court ने क्या कहा?

मतदाता मतदान डेटा साझा करने के लिए ईसीआई द्वारा कोई वैधानिक आवश्यकता नहीं होने के मद्देनजर, अदालत ने कहा कि “अब मुझे खुली अदालत में कहना होगा कि यह, आ बेल मुझे मार” जैसा है। कोर्ट ने आगे कहा कि अदालत ने आधारहीन आशंकाओं और संदेहों के बारे में चुनाव आयोग की चिंताओं को पूरी तरह से मान्यता दी। हम पहले से चल रही किसी भी चीज को बाधित नही कर सकते है।

कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग पर उठाएं थे सवाल

दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि “फॉर्म 17 पर पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है और मतदान के अंत में पोलिंग एजेंट को दिया जाता है। अब ईसीआई उस डेटा को वेबसाइट पर क्यों नहीं डालता? समस्या क्या है? इस प्रक्रिया में क्या हो सकता है कि गिने जाने वाले वोटों की संख्या वास्तव में डाले गए वोटों की संख्या से अधिक होगी। हमें नहीं पता कि क्या सही है? ECI इसे वेबसाइट पर डालने से क्यों कतरा रहा है? कोई भी इसे रूपांतरित नहीं कर सकता। पार्टियों को संदेह हो रहा है”।

चुनाव आयोग ने दायर किया था हलफनामा

मालूम हो कि बुधवार को चुनाव आयोग ने फॉर्म17सी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि “चुनाव आयोग ने अदालत को बताया कि डेटा जारी करने से भ्रम पैदा हो सकता है क्योंकि इसमें डाक मतपत्र के आंकड़े शामिल हैं, और प्रकाशित संख्याओं की छवियों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और इससे “व्यापक असुविधा” हो सकती है”।

Latest stories