Friday, November 1, 2024
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Supreme Court Verdict: 5 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट को शादी रद्द करने का अधिकार

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Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आज यानी सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया है। संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि शीर्ष अदालत के पासा किसी शादी को सीधे रद्द करने का अधिकार है। साथ ही यह भी कहा गया कि शादी का जारी रहना असंभव होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से तलाक का भी आदेश दे सकता है।

अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग

जानकारी के अनुसार अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग कर सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है। अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार है कि वह सीधे तलाक दे सकता है। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है।

क्या होता है अनुच्छेद 142

सुप्रीम कोर्ट किसी मामले में फैसला सुनाते समय संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में रहते हुए संविधान की अनुच्छेद 142 के तहत ऐसे आदेश दे सकता है, जो किसी व्यक्ति के न्याय देने के लिए जरूरी हो। साथ ही अदालत अपने फैसले में ऐसे निर्देश शामिल कर सकती है जो उसके सामने चल रहे किसी मामले को पूरे करने के लिए जरूरी है।

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6 महीने इंतजार की कानूनी बाध्यता भी जरूरी नहीं

इस दौरान कोर्ट ने कहा कि आपसी सहमति से तलाक के लिए लागू 6 महीने इंतजार की कानूनी बाध्यता भी जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि- ‘हमने माना है कि पति पत्नी के बीच विवाह के अपरिवर्तनीय टूटने के आधार पर विवाह विच्छेद करना संभव नहीं है। साथ ही कोर्ट की गाइडलाइन में रखरखाव, गुजारा भत्ता और बच्चों के अधिकारों के संबंध में भी जिक्र नहीं है।’ फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, एएस ओका, विक्रम नाथ और जेके माहेश्वरी शामिल हैं।

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