Saturday, November 23, 2024
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Supreme Court Verdict: 5 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट को शादी रद्द करने का अधिकार

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‘सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं..,’ Bulldozer Action पर Supreme Court का सख्त रुख! सरकार को सुनाई खरी खोटी; पढ़ें रिपोर्ट

SC on Bulldozer Action: देश के अलग-अलग राज्यों में बुलडोजर एक्शन के तहत न्याय की नई परिभाषा गढ़ने वाले सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा।

‘जो जश्न मना रहे वे जल्दबाजी..,’ Aligarh Muslim University के अल्पसंख्यक दर्जे पर SC की टिप्पणी के बाद क्या बोल रहे यूजर्स?

Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट की ओर से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया है कि Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा अभी बरकरार रहेगा।

Supreme Court का बड़ा फैसला! Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार; जानें दर्जे को लेकर क्यों मचा था घमासान?

Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट (Supreme Court) में सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से स्पष्ट किया है कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा।

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SC on UP Madarsa Act: उच्चतम न्यायालय (SC) ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए यूपी की योगी सरकार को बड़ा झटका दिया है।

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Supreme Court on Freebies: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यही वजह है कि हमारे देश में मतदाता अपनी मनमर्जी और अपनी पसंद से सरकारों को चुनते हैं। यदि सरकारें उनके (जनता) मंशा के अनुरूप काम न करें तो चुनाव के माध्यम से उन्हें बदल भी दिया जाता है।

Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आज यानी सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया है। संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि शीर्ष अदालत के पासा किसी शादी को सीधे रद्द करने का अधिकार है। साथ ही यह भी कहा गया कि शादी का जारी रहना असंभव होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से तलाक का भी आदेश दे सकता है।

अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग

जानकारी के अनुसार अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग कर सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है। अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार है कि वह सीधे तलाक दे सकता है। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है।

क्या होता है अनुच्छेद 142

सुप्रीम कोर्ट किसी मामले में फैसला सुनाते समय संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में रहते हुए संविधान की अनुच्छेद 142 के तहत ऐसे आदेश दे सकता है, जो किसी व्यक्ति के न्याय देने के लिए जरूरी हो। साथ ही अदालत अपने फैसले में ऐसे निर्देश शामिल कर सकती है जो उसके सामने चल रहे किसी मामले को पूरे करने के लिए जरूरी है।

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6 महीने इंतजार की कानूनी बाध्यता भी जरूरी नहीं

इस दौरान कोर्ट ने कहा कि आपसी सहमति से तलाक के लिए लागू 6 महीने इंतजार की कानूनी बाध्यता भी जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि- ‘हमने माना है कि पति पत्नी के बीच विवाह के अपरिवर्तनीय टूटने के आधार पर विवाह विच्छेद करना संभव नहीं है। साथ ही कोर्ट की गाइडलाइन में रखरखाव, गुजारा भत्ता और बच्चों के अधिकारों के संबंध में भी जिक्र नहीं है।’ फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, एएस ओका, विक्रम नाथ और जेके माहेश्वरी शामिल हैं।

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