Adani-Hindenburg case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज 12 मई 2023 को अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg case)रिपोर्ट मामले में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा। कोर्ट के आदेश के बाद 8 मई 2023 को एक और 6 सदस्यों के एक विशेषज्ञ पैनल ने सुप्रीम कोर्ट को एक सीलबंद रिपोर्ट सोंप दी थी। बता दें एक अमेरिकी सर्वे फर्म हिंडनबर्ग ने इस साल के शुरूआती महीने जनवरी में अडानी के समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि समूह की 80 फीसदी कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं। जो अपने शेयरों के दाम हेरफेर करके बढ़ाता है। कंपनी के खिलाफ इसी रिपोर्ट के बाद शेयर मार्केट तथा देश की राजनीति में ऐसा भूचाल आया कि अडानी समूह के अधिकांश शेयर औंधे मुंह धड़ाम हो गए। इसके बाद कोर्ट में एक के बाद एक अडानी समूह के खिलाफ कई जांच कराने की कई याचिकाएं दायर की गईं थीं।
सीजेआई की बेंच करेगी आज सुनवाई
बता दें अडानी-हिंडनबर्ग विवाद (Adani-Hindenburg case)के तूल पकड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को मामले की जांच करने का आदेश मार्च में ही दे दिया था और इसकी रिपोर्ट 2 महीने में कोर्ट के सामने रखने को कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अलग से एक और 6 सदस्यीय पैनल का गठन किया था। जिसने 8 मई को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सोंप दी। इसी पैनल की रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आज की रिपोर्ट को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के सामने पेश किया जाएगा।
इसे भी पढ़ेंः जल्द Twitter के CEO पद से इस्तीफा देंगे Elon Musk, इस दिन से महिला संभालेगी कंपनी की कमान
सेबी ने मांगा है और समय
इससे पहले 29 अप्रैल ने मामले की गहन जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट के सामने पेश होकर कहा कि “उचित जांच करने और सत्यापित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए” तथ्यों को जुटाने के लिए और समय की जरूरत है। सेबी के द्वारा कोर्ट से इस दौरान और 6 महीने के समय की मांग की गई है। सेबी की इस मांग का बाहर नेताओं द्वारा जमकर विरोध हुआ और राजनीतिक दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं दी गईं। वहीं सेबी की मांग के विरोध में एक और याचिका दाखिल की गई। जिसमें कहा गया कि अतिरिक्त समय यदि दिया गया तो कंपनी कई महत्वपूर्ण तथ्यों और आंकड़ों में हेरफेर कर सकती है।
ये हैं सुप्रीम कोर्ट के गठित पैनल के सदस्य
अडानी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक 6 सदस्यीय पैनल गठित किया था। जिसके सदस्यों में सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे, इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि, पूर्व बैंकर केवी कामथ और ओपी भट्ट, रिटायर्ड जज जेपी देवधर तथा सिक्योरिटी एडवोकेट सोमशेखर सुंदरसन शामिल हैं
इसे भी पढ़ेंः Pakistan Crises: गृहयुद्ध की ओर पाकिस्तान, PM Shahbaz के आवास पर हुआ हमला
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।