Article 370: अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लगातार जारी है। आज भी इस मामले पर SC में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांग कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब दिया जाएगा ? जिस पर केंद्र सरकार ने कोर्ट ने बड़ी बात कही।
‘केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थायी नहीं’
केंद्र की ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर अपना फैसला बदल सकती है। उन्होंने कहा कि हालात बेहतर होने पर जम्मू-कश्मीर फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।
कोर्ट द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थायी नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर सरकार पूर्ण राज्य का दर्जा वापस बहाल कर सकती है।”
कोर्ट ने पूछा- कब होंगे जम्मू-कश्मीर में चुनाव
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में आम चुनावों पर भी सवाल पूछा। कोर्ट ने मेहता से पूछा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे ? वे जानना चाहते हैं कि क्या सरकार ने इसके लिए कोई योजना तैयार की है ? कोर्ट ने यह भी पूछा की केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को एक राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में कैसे बदलेगी और यह कब तक होगा ? कोर्ट ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि वे चाहते हैं कि वहां लोकतंत्र बहाल हो।
युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर रही सरकार
इन सवालों के जवाब में मेहता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2020 में हुए जिला विकास परिषद के चुनाव काफी महत्वपूर्ण थे। यह चुनाव विशेष था क्योंकि अनुच्छेद 370 (Article 370) हटने के बाद यह वहां पर पहला चुनाव था। इस बदलाव से पहले जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन और स्कूल बंद होने जैसी कई समस्याएं थीं। लेकिन, अब हालात बेहतर हो गए हैं और वहां शांति है।
मेहता ने बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना पर काम कर रही है कि कैसे वहां के युवाओं को फैसलों में शामिल किया जाए और चीजों को चलाने में उनकी आवाज सुनी जाए।
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