Padmini Taxi: बीते छह दशक से मुंबई की सड़कों की पहचान बनी पद्मिनी टैक्सी (Padmini Taxi) का यादगार सफर अब खत्म हो गया है। काली-पीली टैक्सी के नाम से मशहूर ये ट्रांसपोर्ट सर्विस सोमवार से बंद हो गई है। इस कार सर्विस ने मुंबईकरों को 60 साल तक अपनी सेवा दी और अब इसे बंद करने का समय आ गया है, क्योंकि काले-पीले रंग की आखिरी रजिस्टर्ड टैक्सी अब सर्विस से बाहर हो गई।
आनंद महिंद्रा ने यूं दी भावुक विदाई
काली-पीली टैक्सी के बंद होने पर महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के मालिक आनंद महिंद्रा ने एक भावुक पोस्ट किया। आनंद महिंद्रा ने एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज से मुंबई की सड़कों पर आइकॉनिक प्रीमियर पद्मिनी नहीं चलेगी। हालांकि ये टैक्सी आरामदायक नहीं थी, विश्वास लायक नहीं थी, आवाज बहुत करती थी और तो और टैक्सी में सामान रखने की भी जगह नहीं थी, लेकिन मेरी उम्र के लोगों के लिए ये टैक्सी लाखों यादें बसाए हुए है।”
‘गुडबाय-काली-पीली टैक्सी’
उन्होंने आगे लिखा, “इन टैक्सी ने हमें प्वाइंट A से प्वाइंट B तक पहुंचाने का काम किया है। गुडबाय और अलविदा, काली-पीली टैक्सी। अच्छे दिनों में साथ देने के लिए बहुत शुक्रिया।”
कैब सेवाओं का बढ़ चलन
बता दें कि आम लोगों के लिए दशकों से सवारी का सुगम साधन बनी इस टैक्सी सेवा को ‘काली-पीली’ के तौर पर जाना जाता था, जो इसके रंग को दर्शाता है। शहरवासियों का इस टैक्सी सेवा से गहरा जुड़ाव रहा है और अब लगभग छह दशक के बाद इसकी यात्रा समाप्त होने जा रही है। नए मॉडल और ऐप-आधारित कैब सेवाओं के बाद ये काली-पीली टैक्सी अब मुंबई की सड़कों से हट गई हैं।
सेवा से बाहर हुई आखिरी टैक्सी
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आखिरी ‘प्रीमियर पद्मिनी’ को 29 अक्टूबर, 2003 को तारदेव आरटीओ में एक काली-पीली टैक्सी के रूप में पंजीकृत किया गया था। चूंकि, शहर में कैब संचालन की समयसीमा 20 साल है, ऐसे में अब सोमवार से मुंबई में आधिकारिक तौर पर ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सी नहीं चलेगी। प्रभादेवी के रहने वाले अब्दुल करीम कारसेकर के पास MH-01-JA-2556 नंबर वाली आखिरी काली-पीली टैक्सी है, जो अब सेवा से बाहर हो गई है।
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