Thursday, December 19, 2024
Homeख़ास खबरेंChandrayaan-3: चांद पर 'लूनर-डे'  के हिसाब से होगी स्टडी, लैंड करने के...

Chandrayaan-3: चांद पर ‘लूनर-डे’  के हिसाब से होगी स्टडी, लैंड करने के बाद ये सब काम करेंगे लैंडर-रोवर, यहां जानें पूरी डिटेल

Date:

Related stories

Chandrayaan-3: चांद पर नहीं आया था भूकंप, विक्रम लैंडर में दर्ज हुई रहस्यमयी गतिविधियों पर वैज्ञानिकों का नया खुलासा

Chandrayaan-3: ISRO ने कुछ दिनों पहले बताया था की चांद पर कुछ रहस्यमयी झटके महसूस किए गए थे। जिन्हें शुरूआती तौर पर भूकंप के झटके कहा गया था।

Chandrayaan-3: जानें अभी किस स्थिति में है Vikram Lander, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ISRO को भेजी तस्वीर, आप भी देखें

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद से लगातार मिशन से जुड़ी तस्वीरें सामने आ रही हैं। अब एक नई तस्वीर सामने आई है।

चांद पर इस जगह उतरा था Chandrayaan-3, NASA के LRO ने खींची लैंडिंग साइट की तस्वीर, आप भी देखें

Chandrayaan-3: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर खींची है।

Chandrayaan-3: चांद पर भारत के ऐतिहासिक कदम का काउंटडाउन अब शुरू हो चुका है। देश-दुनिया की नजरें इस वक्त भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) पर टिकी हुई हैं। भारत के करोड़ों लोग बेसब्री से इस गौरवशाली पल का इंतजार कर रहे हैं, जो शाम 6 बजकर 4 मिनट पर खत्म हो जाएगा।

ISRO के मुताबिक, इसी वक्त पर चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड करेगा। लेकिन, बड़ा और अहम सवाल यह है की चंद्रयान-3 आखिर चांद पर क्या करेगा ? चंद्रयान-3 में मौजूद लैंडर और रोवर किस काम के लिए चांद पर भेजे गए हैं। सबके मन में इस वक्त यही सवाल गूंज रहा है। आइए आपको इन सवालों का जवाब देते हैं।

चांद पर होगी एक दिन की स्टडी!

चांद पर उतरने के बाद चंद्रयान-3 एक दिन की स्टडी करेगा। ये यहां पूरा एक दिन बिताएगा। अब आप सोच रहे होंगे की मात्र एक दिन की स्टडी से क्या हासिल हो जाएगा ? लेकिन जैसा आप सोच रहे हैं, वैसा बिल्कुल नहीं है।

चांद का एक लूनर डे यानी चांद पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है। इस हिसाब से देखें तो चंद्रयान-3, 14 दिनों तक चांद पर रिसर्च और खोजबीन करेगा। वैज्ञानिक इसके द्वारा भेजे जा रहे डेटा का अध्ययन करेंगे।

क्‍या काम करेंगे लैंडर-रोवर ?

चांद की सतह पर उतरते ही विक्रम लैंडर का एक साइड पैनल मुड़ जाएगा, जिससे रोवर के लिए रैंप यानी उतरने के लिए रास्ता खुल जाएगा। विक्रम लैंडर में मौजूद रोवर को ‘प्रज्ञान’ नाम दिया गया है, जो छह पहियों वाला रोबोटिक व्हीकल है। प्रज्ञान रोवर को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के हिसाब से बनाया गया है। ISRO के वैज्ञानिकों ने इसमें कई तरह के बदलाव किए हैं, ताकि इसे नुकसान न पहुंचे।

चांद पर बनेगा भारता का तिरंगा

चांद पर लैंड करते ही एक दम से रोवर बाहर नहीं निकलेगा। इसके लिए ISRO ने एक समय निर्धारित किया है। मौजूदा स्थिति को जांचकर, उतरने के करीब 4 घंटे बाद यह लैंडर से बाहर निकलेगा। ये चांद पर उतरते ही वहां की तस्वीरें और वीडियो वैज्ञानिकों को भेजेगा, जिस पर कई तरह की रिसर्च की जाएगी। जैसे-जैसे रोवर आगे बढ़ेगा, ये चांद पर भारत का तिरंगा और ISRO का लोगो बनाता चला जाएगा। इस पूरी स्टडी को करने में 2 हफ्तों का समय लेगेगा।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM  और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Latest stories