Tuesday, November 19, 2024
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1 जुलाई 2024 से आईपीसी की जगह लागू होंगे ये New Criminal Laws, जानें क्या होंगे बड़े बदलाव

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New Criminal Laws: भारत में 1 जुलाई से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। दरअसल भारत में 1 जुलाई से 3 नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। गौरतलब है कि अग्रेजों का बनाया हुआ तीन आपराधिक कानून 1 जुलाई से निष्क्रीय हो जाएंगे। इनकी जगह तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे, जिसमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शमिल है। मालूम हो कि गृह मंत्री अमित शाह ने दिसंबर 2023 में इन तीन नए कानून को सदन में पेश किया था। जिसके बाद अब 1 जुलाई 2024 से यह कानून लागू कर दिया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि नया कानून ब्रिटिश-युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा।

यह होंगे बड़े बदलाव

गौरतलब है कि 1 जुलाई से तीन नए अपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। चलिए आपको बताते है कि इन नए कानून में क्या बड़े बदलाव होंगे साथ ही आम नागरिकों को इससे कैसे फायदा होगा।

बिना पुलिस स्टेशन जाए एफआईआर होगा दर्ज

नए कानूनों के तहत, किसी व्यक्ति पुलिस स्टेशन में शारीरिक रूप से जाने की आवश्यकता के बिना, इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि इससे रिपोर्टिंग आसान और तेज हो जाती है, जिससे पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलती है।

फॉरेंसिक जांच पर जोर

नए कानून के तहत घटनास्थल पर फॉरेसिक जांच को जोर दिया जाएगा। यानि अगर किसी जगह पर घटना होती है तो जांच में टेक्नोलॉजी का इस्तेतमाल किया जाएगा। इससे आरोपी का बचाना काफी हद तक मुश्किल हो जाएगा। गौरतलब है कि सबूतों के अभाव में कई बार अपराधी छूट जाते है।

पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

इन कानूनों को लागू करने के बाद जीरो एफआईआर दर्ज करना जरूरी होगा।
इन तीनों कानूनों में बदलाव के बाद एफआईआर से लेकर कोर्ट के फैसले तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। सात साल से अधिक कारावास के मामले में फोरेंसिक जांच की आवश्यकता होगी। अपराध के मामले में सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

गैंगरेप में आजीवन जेल की सजा

आपको बता दें कि नए कानून के मुताबिक गैंगरेप के मामले में दोषी साबित होने पर 20 साल की सजा या आजीवन जेल की सजा का प्रावधान है। अगर पीड़ित नाबालिग है तो आजीवन जेल या मृत्युदंड का भी प्रावधान किया गया है बच्चों को अपराध में शामिल करने पर कम से कम 7-10 साल की सजा होगी।

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