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चुनावों से पहले CM Gehlot पर टूटी आफत, मानहानि का केस दर्ज होने से बढ़ेगी मुश्किल

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CM Gehlot: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की राजनीतिक लड़ाई अब कोर्ट की चौखट तक पहुंच गई है। केंद्रीय मंत्री अब से थोड़ी ही देर में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के रुम नं-503 में सीएम गहलोत के खिलाफ एक मानहानि का केस दर्ज कराएंगे। मालूम हो कि सीएम गहलोत लगातार शेखावत के खिलाफ संजीवनी कोऑपरेटिव सोसाइटी के पीड़ितों से ठगी के मामले में आरोप लगा रहे हैं और पिछले दिनों बजट सत्र के दौरान सदन में ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री शेखावत को बयान देकर सीधे अभियुक्त कह दिया था।

जानें क्या है पूरा मामला

 

आपको बता दें संजीवनी कोऑपरेट सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 211, गुजरात के 26 शहरों सहित भारत के अन्य राज्यों से लगभग 953 करोड़ का निवेश कराया था। जिसके लिए लगभग 2 लाख आम लोगों ने अपनी कीमती बचत का अधिक ब्याज के लालच में सोसाइटी की योजनाओं में निवेश कर दिया था। इसके बाद इस सोसाइटी के द्वारा लाखों लोगों से सैकड़ों करोड़ की ठगी के आरोप में कंपनी के प्रमुख सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्र तथा अन्य आरोपी के तौर पर नरेश सोनी, कार्यकारी किशन सिंह चोली, पूर्व अध्यक्ष देवी सिंह, शैतान सिंह  को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी संबंध में राजस्थान अगस्त 2019 को एक एफआईआर दर्ज की थी। जिसकी पहला आरोप पत्र दिसंबर 2019 में ही राज्य पुलिस ने दाखिल कर दिया था। दूसरा और तीसरा आरोप पत्र क्रमशः 2020 और 2021 में दाखिल किया गया था।

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जानें गहलोत ने क्या बयान दिया

 

अब इसी केस में सीएम गहलोत ने मीडिया के से बात करते हुए कहा कि ‘मुझे तो लगता है कि ऐसे व्यक्ति को मोदी जी ने मंत्री कैसे बना दिया। मैंने पिछले दिनों सदन में कहा था कि गजेंद्र सिंह शेखावत खुद एक अभियुक्त हैं। इसके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने गिरफ्तारी के डर से अपनी सिक्योरिटी बढ़ा ली है। लाखों रुपए का मामला होता तो मैं तुमसे भीख मांग लेता। उद्योगपतियों से या कोई योजना निकाल देता। लेकिन यहां तो अरबों रुपए का मामला है। इतने बड़े मंत्री के रहते हुए उनको खुद आगे आना चाहिए और कदम उठाना चाहिए। निवेशकों की भरपाई करवाना चाहिए। लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।’

शेखावत ने दिया कॉफ्रेंस कर जबाव

 

सीएम गहलोत के मीडिया में दिए इस बयान के अगले ही दिन केंद्रीय मंत्री ने सीएम के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अब तक दाखिल हजारों पन्नों के आरोप पत्रों में  न तो मुझे, न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया गया है। ऐसे में सीएम सार्वजनिक रुप से झूठ बोलकर कहीं पुलिस को कोई संकेत तो नहीं दे रहे? ‘केवल मेरा चरित्र हनन करके राजनीतिक रुप से मुझे कमजोर करने का षडयंत्र है और जांच एजेंसी को टूल के रुप में इस्तेमाल करने काम राजस्थान के सीएम कर रहे हैं। यह केवल एक प्रयास नहीं है।’

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