Monday, December 23, 2024
Homeख़ास खबरेंUNESCO ने माना भारतीय ग्रंथो का लोहा, Ramcharitmanas, Panchatantra, Sahrdayaloka-Locana मेमोरी ऑफ...

UNESCO ने माना भारतीय ग्रंथो का लोहा, Ramcharitmanas, Panchatantra, Sahrdayaloka-Locana मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रजिस्टर में शामिल

Date:

Related stories

Ramcharitmanas, Panchatantra, Sahrdayaloka-Locana: संस्कृतिक मंत्रालय ने बताया कि रामचरितमानस पंचतंत्र और सहृदयलोक लोकन को यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर में शामिल किया गया है। यह भारत के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मालूम हो कि संस्कृतिक मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि ‘सहृदयालोक-लोकन को आचार्य आनंदवर्धन, पंचतंत्र को पंडित विष्णु शर्मा ने और रामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखा गए था।

10वीं आम बैठक में लिया गया फैसला

आपको बता दें कि MOWCAP की 10वीं आम बैठक हुई। यह बैठक उलानबटार में की गई थी। सभा में, सदस्य देशों के 38 प्रतिनिधि 40 पर्यवेक्षकों और नामांकित व्यक्तियों के साथ एकत्र हुए थे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में कला निधि प्रभाग के डीन और विभागअध्यक्ष प्रोफेसर रमेश चंद्र गौड़ रामचरितमानस, पंचतंत्र, और सहृदयालोक-लोकन ने इन तीन प्रविष्टियों को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया।

इसके अलावा गौर ने सम्मेलन में नामांकनों का प्रभावी ढंग से बचाव किया। मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए आईजीएनसीए के समर्पण को बढ़ाता है। विचार-विमर्श से गुजरने और रजिस्टर उपसमिति (आरएससी) से सिफारिशें प्राप्त करने और बाद में सदस्य राज्य प्रतिनिधियों द्वारा मतदान के बाद, सभी तीन नामांकनों को शामिल किया गया।

यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर क्या है?

यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर 1992 में यूनेस्को द्वारा शुरू की गई थी। यह एक अंतरराष्ट्रीय पहल का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक मूल्य की दस्तावेजो की रक्षा करना है। इसमे पांडुलिपियाँ, मुद्रित पुस्तकें, अभिलेखीय दस्तावेज, फिल्में, ऑडियो और फोटोग्राफिक रिकॉर्ड शामिल हैं।

Latest stories