Collegium System: सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम को लेकर अपनी बात रखने वाले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बार फिर कॉलेजियम सिस्टम को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जब तक ये व्यवस्था रहेगी, जजों की नियुक्ति पर विवाद होता रहेगा. ये सबसे खराब व्यवस्था है. किरेन रिजिजू ने इंडिया टुडे के साथ हुए एक इंटरव्यू के दौरान ये बातें कही. उन्होंने इस व्यवस्था को ‘अंकल जज सिंड्रोम’ के साथ भी जोड़ा.
‘कॉलेजियम में चलता है रेफरेंस सिस्टम’
किरेन रिजिजू ने कहा कि जब से कॉलेजियम सिस्टम बना है, तब से एक ही व्यवस्था चली आ रही है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ जज तय करते हैं कि शीर्ष अदालतों में अगले जज कौन बनेंगे. ये एक तरह से रेफरेंस सिस्टम है. जिसे आप जानते हैं, उसे जज बना दिया जाता है और जिसकी कोई जान पहचान नहीं होती, उसकी प्रतिभा धरी की धरी रह जाती है.
उन्होंने कहा कि कॉलेजियम एक ऐसी व्यवस्था है जहां उन्हीं लोगों के नाम आगे बढ़ते हैं, जिनकी पहुंच होती है. लेकिन उनका क्या जिनके पास प्रतिभा भी है और अच्छी समझ भी. उन्होंने कहा कि ऐसे नामों की कभी भी सिफारिश नहीं होती.
क्या है अंकल जज सिंड्रोम?
कॉलेजियम सिस्टम को ‘अंकल जज सिंड्रोम’ से जोड़ते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इसका मतलब है कि अगर आप किसी जज को जानते हैं, तो आपका रास्ता साफ है और आपका काम भी हो जाएगा. वहीं, अगर आप अच्छे वकील हैं, लेकिन किसी प्रभावशाली जज को नहीं जानते हैं, तो आपके नाम की सिफारिश नहीं होगी.
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