Kaveri Water Dispute: कावेरी जल विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस विवाद को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक फिर आमने सामने आ गए हैं। एक ओर जहां किसान संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर बेंगलुरु बंद बुलाया है। वहीं, इसके विरोध में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में किसानों के मंगलवार (26 सितंबर) को एक आनोखा प्रदर्शन किया। किसानों ने मुहं में मरे हुए चूहे रखकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कर्नाटक से राज्य के लिए कावेरी का पानी छोड़ने की मांग की।
मुहं में मरे हुए चूहे रखकर दिया ये संदेश
किसानों के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन का विडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। समाचार एजेंसी ANI ने भी इस प्रदर्शन का वीडिया साझा किया है। वीडियो में किसानों के एक समूह को सांकेतिक संकेत के तौर पर मरे हुए चूहों को अपने मुंह में दबाते हुए देखा जा सकता है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि अगर उन्हें पानी नहीं मिला तो उनकी फसलें बर्बाद हो जाएंगी और वे गरीबी हो जाएंगे। जिससे उन्हें जिंदा रहने के लिए चूहे का मांस खाने को मजबूर होना पड़ेगा।
क्या है कावेरी जल विवाद ?
तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर काफी लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है। हालांकि, हालिया विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक सरकार ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के फैसले को पलटने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन उच्च न्यायालय ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
कम शब्दों में समझें तो तमिलनाडु ने कर्नाटक से 24,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की मांग की थी, जिस पर कर्नाटक का कहना था कि वह पीने के पानी और सिंचाई की अपनी जरूरतों को ध्यान में रखने के बाद ही तमिलनाडु में नदी का पानी छोड़ सकेगा। इसी बात को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनातनी है।
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