Abdullah Azam Khan: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। अब्दुल्ला खान को एक तरफ जहां अपनी विधायकी गवानी पड़ी वहीं दूसरी तरह उन्हें एक और बड़ा झटका लगा है। अब वह अपने विधानसभा के वोटर भी नहीं रह गए हैं , इसलिए विधानसभा उपचुनाव में मतदान भी नहीं कर पाएंगे। बता दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा की तरफ से उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब उनका नाम मतदाता सूची से भी गायब हो गया है। रामपुर विधानसभा से बीजेपी के विधायक आकाश सक्सेना ने निर्वाचक अधिकारी को नाम हटाने को लेकर पत्र लिखा था। इस पत्र का जवाब देते हुए शुक्रवार को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि ईआरओ, रामपुर के द्वारा दिए हुए आदेश के मुताबिक अब्दुल्ला आजम खान का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है।
ईआरओ रामपुर ने नाम हटाने का दिया आदेश
निर्वाचक अधिकारी ने अब्दुल्ला का नाम हटाए जाने के बाद कहा है कि ” जब कोई विधायक अयोग्य घोषित हो जाता है तो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उसका नाम भी मतदाता सूची से तुरंत हटा दिया जाता है। यह नियम आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान पर भी लागू होता है। ऐसे में उनका नाम भी तुरंत हटा दिया गया है।”
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आखिर क्यों गवानी पड़ी विधानसभा की सदस्यता
सपा के बड़े नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान को अपनी विधायकी इसलिए गवानी पड़ी क्योंकि 15 साल पुराने मामले में बाप और बेटे दोनों को दोषी पाया गया है। रामपुर की स्वार विधानसभा से विधायक अब्दुल्ला के साथ तीन साल में यह दूसरी बार है जब उनकी सदस्यता रद्द की गई है। बता दें कि आजम खान और अब्दुल्ला खान के ऊपर मुरादाबाद में एक सड़क जाम कर उपद्रव करने का आरोप लगा था। वहीं मुरादाबाद की कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई है।
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