Bundelkhand Expressway: उत्तर प्रदेश में विकास का कार्य लगातार जारी है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के विकास के लिए नए-नए आयाम लिख रहे हैं। इसी कड़ी में अब यूपी के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को पहले सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर तैयार किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट को पीपीपी मॉडल के तहत पूरा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को पहले सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित करने वाला है।
इन कंपनियों ने दिखाई प्रोजेक्ट में दिलचस्पी
अपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए 1700 हेक्टेयर की भूमि की भी पहचान कर ली गई है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना में कई कंपनियां रुचि दिखा रही हैं। अभी तक 8 सोलर पावर डेवलेपर्स ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इसमें टास्को, अवाड़ा एनर्जी, टोरेंट पावर सोमाया सोलर सॉल्यूशन आर मैनेजमेंट, एरिया वृंदावन पावर और एरियाश मोबिलिटी जैसी कंपनियां शामिल हैं।
1 लाख घरों को रोजाना मिलेगी बिजली
इस परियोजना में 550 मेगावॉट सोलर पावर को जेनरेट किया जाएगा। इस योजना में एक्सप्रेसवे से जुड़ें 1 लाख घरों को भी रोजाना बिजली मिल सकेगी। वहीं, इस योजना के पूरा होने के बाद बड़ी मात्रा में ग्रीन एनर्जी भी जेनरेट पैदा होगी। इसके साथ ही बुंदेलखंड, पूर्वांचल, लखनऊ, आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे सोलर प्लांट लगाने से सालाना 6 करोड़ रुपये का लाभ भी होगा ये परियोजना 25 साल की है, जिसमें पे बैक पीरियड 10 से 12 साल का है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे क्यों है सोलर प्लांट के लिए बेस्ट
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सोलर प्लांट लगाने की सबसे बड़ी वजह है कि यहां पर भूमि आसानी से उपलब्ध है। साथ ही यहां का मौसम काफी शुष्क रहता है, इस जगह पर 800 से 900 मिलीलीटर औसत वर्षा होती है। एक्सप्रेसवे के बीच में 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला एरिया खाली पड़ा हुआ है। फिलहाल इसे कृषि एरिया से अलग करने और बाड़ लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।