Jayant Chaudhary: पश्चिमी यूपी की खैर विधानसभा सीट खूब चर्चाओं में है। इसकी वजह है खैर विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव (UP Bypolls)। इस सुरक्षित सीट को जीतने के लिए यूपी की सत्तारुढ़ दल बीजेपी और विपक्षी दल सपा ने अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी है। इसी क्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) आज खैर में चुनावी मोर्चा संभालेंगे। आगामी कल की बात करें तो रविवार के दिन खैर में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) चीफ जयंत चौधरी की मौजूदगी रहेगी।
जाट बाहुल्य सीट खैर पर चुनावी संभावनाएं बेहतर करने के लिए जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की आरएलडी ने मोर्चा संभाला है। सीएम योगी और जयंत चौधरी से इतर कई ऐसे स्थानिय व शीर्ष नेता भी हैं जिन्होंने खैर विधानसभा (Khair Assembly Seat) उपचुनाव जीतने के लिए दिन-रात एक कर दिया है। सवाल ये है कि क्या जयंत चौधरी और सीएम योगी की जोड़ी खैर में वोटर्स को लामबंद कर पाएगी? खैर का सियासी समीकरण क्या कहता है? इस लेख के माध्यम से हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
CM Yogi और Jayant Chaudhary समेत अन्य दिग्गजों का जमावड़ा
खैर में आज योगी आदित्यनाथ की जनसभा है। उनकी जनसभा पालीवाल फार्म हाउस कस्बा जट्टारी में प्रस्तावित है। इस दौरान योगी आदित्यनाथ एनडीए प्रत्याशी सुरेन्द्र दिलेर के लिए समर्थन की अपील करेंगे। सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) अपने भाषण और नीतियों के सहारे मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करेंगी। हालांकि, उनकी कोशिश कितनी कामयाब होगी ये तो 23 नवंबर को नतीजों के ऐलान के साथ ही स्पष्ट हो सकेगा।
सीएम योगी के बाद आगामी कल रविवार को खैर में जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की मौजूदगी रहेगी। आरएलडी मुखिया रविवार को प्रात: 11 बजे गौमत चौराहा पर स्थित चौधरी साहब सिंह बोहरे महाविद्यालय में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। खैर के समीकरण को देखते हुए जयंत चौधरी और उनकी पार्टी आरएलडी की भूमिका पर सबकी नजरें कायम हैं।
खैर विधानसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण
अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली खैर विधानसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण बेहद दिलचस्प है। खैर (Khair Assembly) सुरक्षित सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4 लाख 4 हजार के करीब है। इसमें सर्वाधित मतदाता जाट समुदाय से आते हैं जिनकी संख्या करीब 1.25 लाख बताई जाती है। वहीं ब्राह्मण मतादाताओं की संख्या 90000, दलित वोटर्स 50000 और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 40000 के करीब बताई जाती है।
खैर में सभी राजनीतिक दलों के लिए बेहतर समीकरण बनाने में जाट समुदाय के मतदाताओं की भूमिका बेहद अहम है। यही वजह है कि विधानसभा उपचुनाव में जयंत चौधरी की भूमिका पर सबकी नजरे हैं। बीजेपी की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि जाट समुदाय के नेता जयंत चौधरी के सहारे इस वर्ग को आकर्षित किया जाए।
यहां सपा, बीजेपी (BJP) के लिए मुश्किलें पैदा करती नजर आ रही है। बीजेपी ने इस सीट से सुरेन्द्र दिलेर तो वहीं सपा ने चारू कैन को उम्मीदवार बनाया है। दोनों उम्मीदवार एससी समुदाय से आते हैं। हालांकि, सपा उम्मीदवार चारू कैन, कार्तिक जाटव की पत्नी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेज वीर सिंह उर्फ गुड्डू चौधरी की बहू हैं। दोनों को जाट समुदाय का दबंग नेता माना जाता है। ऐसे में खैर में बीजेपी के साथ सपा ने भी सधी चाल चलते हुए चुनावी संभावनाएं बेहतर करने की भरपूर कोशिश की है।
खैर में BJP या सपा, किसका दावा मजबूत?
डीएनपी इंडिया से जुड़े पत्रकार राहुल चौधरी लगातार खैर के सियासी समीकरण पर नजर बनाए हुए हैं। राहुल चौधरी ने खैर से कई ग्राउंड रिपोर्ट भी की है ताकि वहां से समीकरण को आसानी से समझा जा सके। उनका कहना है कि “खैर विधानसभा उपचुनाव में जाट समुदाय के मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जाट मतदाताओं की बाहुल्यता को देखते हुए सपा और भाजपा दोनों ने समुदाय को साधने की भरपूर कोशिश की है। सपा, जाट नेता कार्तिक जाटव और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेज वीर सिंह उर्फ गुड्डू चौधरी को प्रोजेक्ट कर रही है, तो वहीं बीजेपी खैर में जयंत चौधरी को आगे कर मतदाताओं को लामबंद करने में जुटी है।”
पत्रकार राहुल चौधरी का कहना है कि “वर्तमान समीकरण के हिसाब से खैर में सपा और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है। चारु कैन और सुरेन्द्र सिंह दिलेर (पूर्व सांसद स्वर्गीय राजवीर सिंह दिलेर के बेटे) एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पूर्व में हुए विधानसभा चुनाव की देखें तो ये सीट 2017 और 2022 में बीजेपी के खाते में रही है। 2022 में बीजेपी के अनूप वाल्मीकि ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी जो लोकसभा चुनाव 2024 में हाथरस से सांसद चुने गए। ऐसे में यहां बीजेपी का दावा भी मजबूत है। वास्तविक परिणाम क्या होगा और किस उम्मीदवार की जीत होगी इसका अंदाजा लगा पाना बेहद मुश्किल है। हालांकि ये स्पष्ट है कि जीत चाहें जिसकी हो, उसमें जाट समुदाय की भूमिका बेहद अहम होगी।”