CM Yogi: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार राज्य के विकास के लिए बड़े उद्योगपतियों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी कुछ समय पहले राजधानी लखनऊ में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए उन्होंने ये दिखा दिया कि 2017 से पहले सरकारें कुछ विकास नहीं करना चाहती थीं। बता दें कि सीएम योगी इन दिनों गोरखपुर के दौरे पर हैं। गोरखपुर में सीएम ने एक इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का उद्घाटन किया है। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए विपक्ष की पार्टियों पर निशाना भी साधने की कोशिश की है। फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के लिए मिले 33.50 लाख करोड़ रुपए से राज्य के विकास को लेकर भी बात की।
उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को तैयार
सीएम योगी ने प्रदेश के विकास को लेकर कई तरह के प्लान बनाए हैं। ऐसे में उन्होंने सबसे पहले राज्य से माफियाओं को खत्म करने का जिम्मा उठाया हैं। सीएम योगी ने अपने एक भाषण में भी इस बात का जिक्र किया था कि ” राज्य से जब तक अपारधी नहीं खत्म हो जाएंगे, विकास होना संभव नहीं हैं। लोग जहां कुछ समय पहले यूपी ने इन माफियाओं की वजह से इन्वेस्ट करने से डरते थे, वहीं आज खुद बड़े – बड़े उद्योगपति आकर निवेश कर रहे हैं।” वहीं सीएम योगी ने इस बात का भी जिक्र किया कि प्रदेश दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है। कुछ समय में ही उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में जाना जाएगा।
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खराब कानून व्यवस्था की वजह से नहीं हो रहा था इन्वेस्ट
सीएम योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ” 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में माफियाओं का राज था। ये माफिया अपने मर्जी के हिसाब से कानून को चलाते थे, इसलिए कोई भी उद्योगपति यहां निवेश करने से डरता था। लेकिन बीजेपी की सरकार में यहां उद्योगपतियों को इन्वेस्ट करने और उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाती है।” विकास को लेकर सभी सरकारों की अपनी – अपनी सोच हैं लेकिन राज्य में सुरक्षा के साथ विकास हो ऐसा 2017 से पहले की सरकारें नहीं सोचती थी।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट निभाएगा राज्य के विकास में भागीदारी
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए कई बड़े उद्योगपतियों ने यहां पर इन्वेस्ट किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इस समिट में 10 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट ने उद्योगपतियों को लुभाने के लिए हमारी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ा हैं। वहीं अब इस सबमिट के जरिए 33.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है।