Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे राज्य भी कहा जाता है। यहां देश के किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे यानी गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का निर्माण कार्य भी अब तेजी गती पर है। इसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
594 किमी होगी एक्सप्रेसवे की लंबाई
36 हजार करोड़ की लागत से तैयार हो रहा यह एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। अभी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है, जिसकी लंबाई 240 किमी है, लेकिन गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई इससे भी दोगुनी होगी। ये एक्सप्रेसवे 594 किमी लंबा होगा।
इन जिलों को होगा फायदा
बताया जा रहा है की एक्सप्रेसवे के बनने से मेरठ और प्रयागराज के बीच की दूरी महज 8 घंटे में पूरी हो जाएगी। ये सफर करीब 700 किमी का होगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से प्रदेश के 12 जिलों को फायदा मिलेगा।
इनमें मेरठ, अमरोहा, उन्नाव, प्रतापगढ़, बुलन्दशहर, शाहजहांपुर, संभल, रायबरेली, हरदोई, हापुड, बदायूं और प्रयागराज जैसे जिले शामिल हैं। जाहिर सी बात है की इन जिलों को एक्सप्रेसवे के बनने से काफी फायदा होगा। यहां जमीनों के दाम बढ़ने के साथ-साथ विकास के नए कार्य भी शुरू होंगे।
120 KM की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां
जानकारी के मुताबिक, एक्सप्रेसवे को 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा गती पर चलने के लिए तैयार किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गंगा एक्सप्रेसवे पर गाड़िया 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इसको लेकर एक प्लान भी तैयार किया गया है, जिसके तहत यातायात की गति और सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
तीर्थ यात्रियों को ऐसे मिलेगा फायदा
गंगा एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण राजमार्ग बताया जा रहा है। इससे आम लोगों के साथ-साथ धार्मिक और तीर्थयात्रियों को भी काफी फायदा होगा। क्योंकि एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रयागराज तक हो रहा है, इसलिए कुंभ तक तीर्थयात्री काफी आसानी से पहुंच पाएंगे। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा है, जो धार्मिक के साथ-साथ राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
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