Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर लगातार अति प्रदूषण वाले क्षेत्रों में बना हुआ है। बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन भी लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए प्रशसान ने कई योजनाएं तैयार की हैं, जिन पर लगातार काम हो रहा है। वायु गुणवत्ता और वेस्ट मैनेजमेंट से निपटने के लिए गाजियाबाद प्रशासन अब तक 173 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।
अधिकारियों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने शहर के अंदर विभिन्न नागरिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, वायु गुणवत्ता सुधार कार्यक्रमों और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management) गतिविधियों के लिए लगभग 173 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
सड़कों की मरम्मत पर प्रशासन का जोर
नगर निगम आयुक्त नितिन गौड़ के अनुसार, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को प्रदूषण फैलाने में योगदान करने वाली खराब सड़कों की तुरंत मरम्मत करने की आवश्यकता है, जिससे यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि वायु गुणवत्ता सुधार में आवश्यक सड़क मरम्मत शामिल हो। इसके अतिरिक्त, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कुछ कार्यक्रम मियावाकी दृष्टिकोण का उपयोग करेंगे, जो प्रकृति पर जोर देता है।
CAQM के निर्देशों के तहत हो रहा काम
उन्होंने कहा, “वायु गुणवत्ता में सुधार में महत्वपूर्ण सड़क मरम्मत शामिल है, विशेष रूप से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश को ध्यान में रखते हुए, खराब सड़कों को तुरंत सुधारने पर काम हो रहा है। इसके अतिरिक्त, कुछ वायु गुणवत्ता पहल भी अपनाई जा रही हैं, ताकि बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके।”
स्वच्छ-भारत-मिशन निभा रहा अहम भूमिका
उन्होंने कहा कि स्वच्छ-भारत-मिशन दैनिक ठोस कचरे के घर-घर संग्रह को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले समय में लगभग 350 CNG आधारित नए वाहन पेश किए जाएंगे, जिसमें एसबीएम पूंजीगत व्यय और रखरखाव के लिए प्रावधान शामिल करेगा। खरीद प्रक्रिया समाप्त होने के दो महीने के भीतर वाहनों के आने की उम्मीद है।
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