Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शिक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त व बेहतर करने की जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) द्वारा उठा ली गई है। जानकारी के अनुसार गाजियाबाद (Ghaziabad) के डीआइओएस राजेश श्रीवास ने वाहनों के साथ स्कूल जाने वाले नाबालिग स्टूडेंट पर सख्ती बरतने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अगर कोई नाबालिग स्कूटर, बाइक या कार लेकर स्कूल जाता मिलता है तो उसके पैरंट्स पर 35000 रुपये का जुर्माना व 3 साल तक की कैद या दोनों सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही शासन के आदेश पर ये भी सूचना जारी की गई है कि किसी स्कूल में अगर नाबालिग स्टूडेंट की बाइक, स्कूटी या कार पार्क की हुई मिलती है तो ऐसे स्कूलों पर भी प्रशासन अपने स्तर से कार्रवाई करेगा।
जागरुकता अभियान चलाएंगे स्कूल
सामान्यतः ट्रैफिक संबंधी नियम कानून के लिए ट्रैफिक पुलिस ही जागरुकता अभियान चलाती नजर आती है। खबर है कि अब स्कूल भी जागरुकता अभियान चलाकर स्टूडेंट को जागरुक करते नजर आएंगे। गाजियाबाद (Ghaziabad) के जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डीआईओएस का कहना है कि सभी विद्यालय अपने स्तर से स्टूडेंट को जागरुक करें कि वो स्कूल आने-जाने के लिए बाइव, स्कूटी व कार चलाने की बजाय साइकिल या परिवहन के अन्य माध्यम का इस्तेमाल करें।
नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
यूपी शासन द्वारा नाबालिग बच्चों को वाहनों से स्कूल जाने पर प्रवेश न देने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही प्रशासन को स्पष्ट संदेश जारी कर कहा गया है कि अगर कोई नाबालिग छात्र को वाहन लेकर स्कूल जाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके पैरेंट्स पर कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत नाबालिग बच्चे को वाहन देने पर एमवी एक्ट 188 की धारा 199(क) और 336 के साथ मामला दर्ज कराने का प्रावधान है। अगर इस मामले में अभिवावक (गाड़ी मालिक) दोषी साबित होता है तो उसे 3 साल तक की सजा या 35000 रुपये का जुर्माना वसूला जा सकता है। इसके अलावा अगर प्रशासन नाबालिग को वाहन (कार, बाइक, स्कूटी) के साथ स्कूल जाते पकड़ेगी तो वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।
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