Ghaziabad News: राजधानी दिल्ली से निकट एनसीआर के प्रमुख इलाकों में से एक गाजियाबाद की पहचान आज उसके चका-चौंध से होती है। गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों में आज बिजली, सड़क, पार्किंग, शॉपिंग मॉल व अन्य कई सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस जिले का निर्माण कब हुआ? अगर नहीं तो आइये हम आपको इस जिले के निर्माण से जुड़े कुछ दिलचस्प बातें आपको बताते हैं। दावा किया जाता है कि पूर्व के समय में गाजियाबाद को गजीउद्दीन नगर के नाम से जाना जाता था और इसकी स्थापना वजीर गाजीउद्दीन द्वारा की गई थी। हालाकि बीतते समय के साथ रेलवे का निर्माण हुआ और इसका नाम छोटा कर गाजियाबाद रखा गया है। यूपी के तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी ने 14 नवंबर 1976 को बाल दिवस के दिन गाजियाबाद को नया जिला घोषित कर दिया जिसके बाद से ये शहर आए दिन विकास पथ पर अग्रसर है।
मेरठ तहसील का हिस्सा था गाजियाबाद
यूपी के पश्चिमी हिस्सों के प्रमुख शहरों में से एक गाजियाबाद पहले मेरठ के अंतर्गत एक तहसील हुआ करता था। सीएम नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में चल रही यूपी सरकार ने 14 नवंबर 1976 को इसे अलग जिला घोषित किया। इसके बाद से इस नवगठित जनपद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और विकास के साथ अन्य क्षेत्रों में भी खूब कीर्तिमान स्थापित किए। आज गाजियाबाद को बने 47 वर्ष हो गए और स्थिति ये है कि जनपद की पहचान एक औद्योगिक शहर के रुप में है। ताजा जानकारी के अनुसार इस जिले में अभी तीन तहसील गाजियाबाद, मोदीनगर, लोनी तथा चार विकासखंड रजापुर, भोजपुर, लोनी और मुरादनगर हैं।
गाजियाबाद में विकास की रफ्तार
यूपी के पश्चिमी हिस्से के प्रमुख क्षेत्र गाजियाबाद को बने आज 47 वर्ष हो गए। अपने इस सफर के दौरान गाजियाबाद ने कई सारे कीर्तिमान रचे है। वर्तमान की बात करें तो ये जिला विकास की नई रफ्तार पर है। आज गाजियाबाद में मेट्रो के साथ रैपिड रेल सेवा का संचालन शुरु है। इसके अलावा यहां बड़े-बड़े उद्योग जगत के कारखाने देखने को मिलते हैं जो कि शहर की चका-चौंध को बढ़ा रहे हैं। वहीं आसमान सी ऊंची इमारते भी गाजियाबाद के विकास के दावे का उत्तर देती नजर आती हैं।
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