Hathras Tragedy: उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्थित फुलरई गांव में संपन्न हुआ सत्संग चर्चाओं में है। 2 जुलाई को संपन्न हुए इस सत्संग में भगदड़ मचने के कारण 121 लोगों के मौत होने की बात सामने आई। ताजा जानकारी के मुताबिक कुछ मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आ गई है जिसमें दम घुटने की वजह से मौत होने की बात कही गई है। वहीं भगदड़ के कारण अधिक दबाव होने की वजह से मृतकों के सीने की पसली भी टूटने की जानकारी है।
हाथरस हादसे (Hathras Tragedy) के बाद प्रशासन ने भी आनन-फानन में सत्संग के प्रमुख आयोजक देव प्रकाश मधुकर व अन्य कई अज्ञात लोगों पर भार्तीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत मामला दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले 3-4 आयोजकों को हिरासत में लिया है। हालाकि प्रशासन की ओर से गिरफ्तारी को लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
क्या प्रशासन की गिरफ्त में हैं आयोजक?
हाथरस के फुलरई गांव में 2 जुलाई को आयोजित किए गए सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस मामले में UP प्रशासन की ओर से सत्संग के प्रमुख आयोजनकर्ता देव प्रकाश मधुकर व अन्य कई अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक प्रमुख आयोजनकर्ता व ‘भोले बाबा’ अभी भी फरार है और इस मामले में कुछ अन्य संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्रशासन का दावा है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है और जल्द ही सभी को हिरासत में लिया जाएगा।
भोले बाबा का पक्ष
हाथरस के फुलरई गांव में नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ नाम के कथावाचक के नेतृत्व में सत्संग किया गया था। इस सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति ने आयोजित किया जिसके बाद भगदड़ मचने से सैकड़ों लोगों की मौत हुई। प्रशासन ने FIR में नारायण साकार हरि का नाम नहीं डाला है लेकिन फिर भी लोग इन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। हाथरस हादसे को लेकर ‘नारायण साकार हरि’ ने चर्चित वकील एपी सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया।
वकील एपी सिंह का कहना है कि इस मामले की पूर्ण तरीके से जांच होनी चाहिए। बता दें कि एपी सिंह इसके पहले सीमा हैदर और निर्भया केस में आरोपियों के वकील भी रहे हैं।
हाथरस में दुर्घटना या साजिश?
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हाथरस हादसे से जुड़ा एक बड़ा दावा किया। सीएम योगी ने कहा कि यह हादसा दुर्घटना है या साजिश इसको लेकर भी जांच की जाएगी। सीएम योगी ने बताया कि हाथरस कांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है जो कि 2 महीने के अंदर शासन को जांच रिपोर्ट सौंपेगा।
UP सरकार द्वारा गठित किए गए न्यायिक आयोग की अध्यक्षता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। इस न्यायिक आयोग में पूर्व आईएएस हेमंत राव और पूर्व आईपीएस भावेश कुमार सिंह भी शामिल हैं। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकेगा कि हाथरस हादसा कोई दुर्घटना है या साजिश है।