Ghaziabad News: गाजियाबाद में उद्यमियों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। जमीन के दाम बढ़ने के चलते उन्हें उद्योग लगाने में परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, हाल ही में हुई इन्वेस्टर्स मीट में उद्यमियों ने यह मुद्दा उठाया। इस दौरान उद्यमियों ने नए कारोबार शुरू करने को लेकर प्रस्ताव भी पेश किए, लेकिन उन्हें जमीन लेने में परेशानी हो रही है।
मास्टर प्लान के तहत जमीनों का भू-उपयोग निर्धारित होते ही किसानों ने जमीन की कीमत बढ़ा दी है। जिस वजह से गाजियाबाद में इलेक्ट्रिक वाहन क्लस्टर स्थापित करने के लिए उद्यमी जमीन नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें बाहरी क्षेत्रों का रूख करना पड़ रहा है। उद्यमी अब हापुड़ या मेरठ में सस्ती जमीनें तलाश रहे हैं।
EV क्लस्टर के तहत स्थापित होंगे नए उद्योग
निवेशक सम्मेलन के दौरान उद्यमियों ने ईवी क्लस्टर बनाने का विचार प्रस्तुत किया। उद्यमियों ने बताया इस क्लस्टर में ऐसी फैक्ट्रियां होंगी जो वायरिंग, बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों के अन्य भागों का उत्पादन करेंगी। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल के अनुसार, ईवी क्लस्टर के लिए 20-25 एकड़ से अधिक भूमि की आवश्यकता होगी।
गाजियाबाद में जमीन की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उचित स्थान नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि बेहतर कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में ईवी क्लस्टर बनाने के लिए निर्माण प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि उद्यमियों माल लाने-ले जाने में दिक्कत पैदा न हों।
महंगी जमीनों ने बढ़ाई उद्यमियों की टेंशन
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के इलाकों में जमीन की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी हैं। यदि औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि की कीमतें बढ़ती हैं तो पूंजीगत लागत बहुत अधिक हो जाती है। जिस वजह से उद्यमियों के लिए उद्योग स्थापित करना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अभी हापुड में भी जमीन की तलाश की जा रही है।
स्थानीय अधिकारियों से भी चर्चा हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिला है। नीरज सिंघल के मुताबिक अन्य इलाकों में भी जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन तय होते ही प्रशासन को भी जानकारी दे दी जाएगी।
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