Noida News: पश्चिमी यूपी के प्रमुख औद्योगिक शहर नोएडा की चका-चौंध आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है। नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में कई विकास कार्यों को कराया जाएगा जिसको लेकर प्राधिकरण ने अहम जानकारी साझा की है।
नोएडा विकास प्राधिकरण के आधिकारिक एक्स हैंडल से स्पष्ट किया गया है कि बीते दिन प्राधिकरण की 214वीं बोर्ड बैठक मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में लखनऊ में सम्पन्न हुई है। इस दौरान लिगेसी स्टॉल्ड रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्या की समीक्षा की गई है। इसके अलावा नोएडा (Noida News) में हिरण पार्क व स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स को विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लिए गए ये अहम फैसले
नोएडा विकास प्राधिकरण की 214वीं बोर्ड बैठक बीते दिन यूपी की राजधानी लखनऊ में संपन्न हुई। इस बैठक में प्रमुख रूप से यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे। प्राधिकरण की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अब आवासीय भूखण्ड के आवंटियों के लिए समयवृद्धि प्रदान करने हेतु निर्णय लिया गया।
प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि काश्तकारों की अर्जित भूमि के सापेक्ष आवंटित 5 प्रतिशत आवासीय भूखण्डों पर भवन निर्माण हेतु पट्टा प्रलेख की तिथि से अनुमन्य 2 वर्ष की समय सीमा के उपरान्त 3 वर्ष की अतिरिक्त समय वृद्धि की जाएगी। सीधे शब्दों में समझें तो भवन निर्माण के लिए अतिरिक्त व निशुल्क समय दिया जाएगा। इसके अलावा नोएडा के सैक्टर-91 बायोडायवर्सिटी पार्क के कुछ हिस्से में वन्य जीव/हिरण पार्क तो सेक्टर-123 में 70 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। नोएडा के सेक्टर-151ए में निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय गोल्फ कोर्स के सम्बन्ध में संचालक मण्डल द्वारा निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति से अवगत होते हुए नई मैम्बरशिप प्रारम्भ की जाएगी।
राजस्व जुटाने के लिए अहम कदम
नोएडा विकास प्राधिकरण ने राजस्व जुटाने के लिए भी अहम कदम उठाया है। जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रियल एस्टेट परियोजनाओं को निपटाने के लिए नई नीति लागू की गई है। इससे लगभग 3000 फ्लैट खरीदारों को राहत मिलने के आसार हैं। वहीं प्राधिकरण ने वर्ष 2024-25 के लिए भूमि दरों में संशोधन करते हुए अधिकांश श्रेणियों में 6% की वृद्धि की है। वहीं वाणिज्यिक दरों को अपरिवर्तित रखा गया है। दावा किया जा रहा है कि प्राधिकरण के इन फैसलों से अरबों रुपये का राजस्ल जुटाया जा सकेगा।