Noida News: एनजीटी ने गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट को यमुना बाढ़ क्षेत्र के कई गांवों में अनधिकृत फार्महाउस मालिकों की शिकायतों को दूर करने के लिए उपचारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया है। दरअसल, फार्महाउस मालिकों ने NGT से बाढ़ के चलते हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की थी। इस संबंध में फार्महाउस मालिकों ने एक याचिका दायर की थी। फार्महाउस मालिकों का कहना है की जुलाई में आई बाढ़ के कारण उनकी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा था।
‘बाढ़ के दौरान प्रशासन ने नहीं की कोई मदद‘
याचिका में कहा गया है कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा नहीं थी, बल्कि एक मानव निर्मित आपदा थी। यह जिला प्रशासन की निष्क्रियता का परिणाम था। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि प्रशासन ने न तो उचित बाढ़ नियंत्रण नियमों का पालन किया और न ही नदी व गांवों के बीच सीमा की ऊंचाई बढ़ाई। जिसके कारण यमुना का पानी उनके फार्महाउसों में घुस गया। जिसके चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
NGT ने जिला अधिकारी को दिए ये निर्देश
याचिका पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आवेदक ने प्रस्तुत किया है कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद कीचड़ मौके पर पड़ा हुआ था। धूल के कारण प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा हुए। गौतमबुद्ध नगर के डीएम को बिना किसी देरी के आवेदकों की शिकायतों पर विचार करने और आवश्यक उपचारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया जाता है।
‘विश्लेषण के बाद नियमों के अनुसार करेंगे काम’
वहीं, जब डीएम मनीष कुमार वर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें अभी भी एनजीटी का पूरा आदेश पढ़ना बाकी है। एनजीटी दिशानिर्देशों के अनुसार क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध है, इसलिए यह सभी फार्महाउस अवैध हैं और प्रतिबंधित क्षेत्रों में बने हैं। हम एनजीटी के आदेश का विश्लेषण करेंगे और नियमों के अनुसार काम करेंगे।
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