Noida News: GIS सर्वेक्षण के बाद, प्राधिकरण अब अपनी भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने और उसे अलग-अलग उद्देश्यों के उपयोग करने के लिए एक अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान में किसानों को आवासीय भूखंड प्रदान करना भी शामिल है। मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी 124 गांवों में सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जल्द ही एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सर्वेक्षण करने का फैसला किया है।
प्रधिकरण ने उठाया मह्वपूर्ण कदम
बता दें कि प्रधिकरण ने ये कदम तब उठाया है जब प्राधिकरण को यह अहसास हुआ कि उसकी ज्यादातर जमीन अलग-अलग लोगों ने हड़प ली है। अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण से प्राधिकरण को यह निर्धारित करने में भी मदद मिलेगी कि गांव की मूल आबादी के बाहर किसानों द्वारा आवासीय उद्देश्यों के लिए कितनी भूमि का उपयोग किया जाता है।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण को अगले महीने सर्वेक्षण शुरू करने और दो महीने के भीतर कार्य पूरा करने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।
प्राधिकरण ज़मीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाता रहता है
प्राधिकरण अपनी ज़मीन को कब्ज़ा करने वालों से मुक्त कराने और अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए नियमित अभियान चलाता आ रहा है। अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण के बाद, यह संभावना है कि प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करने और नियोजित विकास के लिए अपनी भूमि को मुक्त करने के लिए भूमि कब्जा करने वालों के खिलाफ एक मेगा अभियान शुरू करेगा।
आगे अधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण से यह पता चलेगा कि हर एक गांव में कितनी जमीन हड़पी गई है। इसके बाद प्राधिकरण ग्रामवार कब्जाई गई जमीन का आंकड़ा जुटाएगा। बता दें कि इस जमीन का उपयोग उन किसानों को आवासीय भूखंड आवंटित करने के लिए किया जा सकता है। जिनकी भूमि विकास के लिए अधिग्रहित की गई थी।
अधिकारियों ने कहा कि नियमों के अनुसार, वह कुल अर्जित भूमि का 6% भूमि मालिक को आवासीय उद्देश्यों के लिए आवंटित करता है। ऐसे सैकड़ों किसान हैं, जिन्हें इस नियम के तहत अब तक आवासीय भूखंड नहीं मिल सके हैं। और ये किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं, जिससे प्राधिकरण का सुचारू कामकाज बाधित होता है। अधिकारियों का मानना है कि प्रत्येक गांव में मुक्त की गई भूमि को किसानों को आवासीय भूखंड के रूप में आवंटित किया जा सकता है, जिससे लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान हो जाएगा।
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