UP News: श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर्वेक्षण के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। ये याचिका श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट की ओर से दायर की गई थी। जिसके विरोध में मस्जिद प्रबंधन समिति और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने आपत्ती जाहिर की थी। कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने क्या कहा ?
यह आदेश न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट की याचिका पर दिया है। दरअसल, मथुरा की अदालत ने विपक्षी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से सर्वेक्षण पर आपत्ति जाहिर की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने पौराणिक कुएं का साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग को अस्वीकार कर दिया था। इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य की याचिका पर अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जिला जज मथुरा को जन्मभूमि से जुड़े सभी मुकदमों की सूची दो सप्ताह में तैयार कर हाईकोर्ट स्थानांतरित करने और यहीं ट्रायल करने का आदेश दिया है। साथ ही मुख्य न्यायाधीश से इसके लिए पीठ गठित करने का आग्रह किया है। यह केस भी हाईकोर्ट स्थानांतरित है। ऐसे में इस न्यायालय को अनुच्छेद 227 में सुपरवाइजरी शक्ति का इस्तेमाल कर हस्तक्षेप करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।
क्या है मामला ?
बता दें कि कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मथुरा की अदालतों में कई मुकदमे दायर किए गए हैं, इसमें एक आम दावा है कि ईदगाह परिसर उस जगह पर बनाया गया है, जिसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है और जहां एक मंदिर मौजूद था। मई में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा अदालत के सामने लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित सभी मामलों को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की हिदायत दी थी।
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