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Sambhal Violence मामले पर छिड़ी जंग! Rahul Gandhi, Giriraj Singh, Asaduddin Owaisi समेत कई नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया

Sambhal Violence: संभल में शाही मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सियासी जंग छिड़ी है। राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने इस प्रकरण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वहीं केन्द्रीय मंत्री गिरिरिज सिंह ने संभल हिंसा के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है।

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Sambhal Violence
फाइल फोटो- असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी और गिरिराज सिंह

Sambhal Violence: ‘धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है, न पूरे शहर पर छाए तो कहना।’ जावेद अख्तर की ये पंक्ति संभल हिंसा (Sambhal Violence) मामले को चरितार्थ करती नजर आ रही है। संभल से निकली आग के चिंगारियों की चर्चा आज चारों तरफ हो रही है। संभल हिंसा मामले पर सियासी जंग छिड़ने और आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को भी मिल रहा है। इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य कुछ नेताओं ने संभल हिंसा प्रकरण पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया जारी की है। सियासी आरोप-प्रत्यारोप को लेकर छिड़ी सियासी जंग के बीच हम आपको इन तमाम राजनेताओं की प्रतिक्रिया के बारे में बताएंगे।

Sambhal Violence मामले पर Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi का तीखा प्रहार

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “संभल उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना – जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है।”

कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।”

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “संभल में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह ​हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा। सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए। प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाएं रखें।”

Akhilesh Yadav और Asaduddin Owaisi ने सरकार पर साधा निशाना

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने संभल हिंसा (Sambhal Violence) प्रकरण को लेकर वर्तमान सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “संभल में शांति की अपील के साथ ही ये भी अपील है कि कोई भी इंसाफ़ की उम्मीद न छोड़े। नाइंसाफ़ी का हुक्म ज़्यादा दिन नहीं चलता सरकार बदलेगी और न्याय का युग आएगा।”

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी संभल हिंसा प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया जारी की है। असदुद्दीन ओवैसी के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर एक शायरी लिखी गई है कि “तुझ को कितनों का लहू चाहिए ऐ अर्ज़-ए-वतन? जो तिरे आरिज़-ए-बे-रंग को गुलनार करें। कितनी आहों से कलेजा तिरा ठंडा होगा? कितने आँसू तिरे सहराओं को गुलज़ार करें?”

ओवैसी ने ये भी कहा है कि “संभल में पुर-अमन एहतिजाज करने वालों पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फायरिंग करने कि हम कड़ी निंदा करते हैं। पुलिस की फायरिंग में तीन नौजवानों की मौत हुई है।अल्लाह से दुआ है के अल्लाह मरहूमीन को मग़फ़िरत अदा करे और उनके घर वालों को सब्र ए जमील अदा करे। इस हादसे की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। जो अफ़सर ज़िम्मेदार हैं, उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही होनी चाहिए।”

केन्द्रीय मंत्री Giriraj Singh ने विपक्ष पर साधा निशाना

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने संभल की हिंसात्मक घटना को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि “संभल की घटना लोकतंत्र पर एक धब्बा है। इस धब्बे के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो विपक्ष है। जियाउर-रहमान और वहां के विधायकों पर 302 का मुकदमा चलना चाहिए। आज भारत के अस्मिता पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे 1947 बंटवारे के बाद पाक में हुआ। देश की पहचान और अस्मिता खतरे में है।”

संभल हिंसा से जुड़ा पूरा प्रकरण क्या है?

बीते दिन सुबह संभल में भड़की हिंसा ने देखते ही देखते ही पूरे शहर को अपने आगोश में ले लिया। इस हिंसा की चुपेट में आने से कुछ युवकों की मौत होने की खबर भी है। दरअसल, कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने संभल की शाही मस्जिद को लेकर बड़ा दावा करते हुए एक याचिका लगाई। ये याचिका संभल के सिविल कोर्ट में दाखिल की गई। इसके बाद कोर्ट ने 7 दिनों के भीतर सर्वे करवाने का आदेश दिया।

सिविल कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए स्थानीय प्रशासन और सर्वे टीम रविवार को सुबह शाही मस्जिद के पास पहुंची। सर्वे की प्रक्रिया शुरू होने के साथ मस्जिद परिसर के बाहर भीड़ जमा हुई और देखते ही देखते उग्रता बढ़ने लगी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा और आंसू गैस भी दागे। संभल में ताजा स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सस्पेंड और धारा 144 लागू कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि अभी स्थिति नियंत्रण में है।

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