Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले सोनू को 16 साल बाद न्याय मिला है। राज्य उपभोक्ता विवाद एवं प्रतितोष आयोग (SCDRC) ने बिजली विभाग को उन्हें 60 लाख का मुआवजा देने के निर्देश जारी किए हैं। जी हां, बिजली विभाग अब सोनू को 60 लाख का मुआवजा देगा।
ये मामला 2006 का है, जब सोनू खेत में जर्जर लटक रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए थे। इस हादसे में सोनू को अपने दोनों पैर गवाने पड़े थे। जिसके बाद से वे लगातार मुआवजा की लड़ाई लड़ रहे थे और अब जाकर उन्हें कहीं न्याय मिल पाया है।
ऐसे हुआ था हादसा
सोनू इस घटना को याद करते हुए बताते हैं कि ये घटना आठ मार्च, 2006 की है, जब खेत में काम करते वक्त वे जर्जर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए थे। इस घटना के बाद उन्हें तुरंत केजीएमयू ले जाया गया था। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उनके परिजन उन्हें इंदिरा नगर स्थित नर्सिंग होम ले गए थे।
वहां पर डॉक्टरों ने उन्हें बचा तो लिया था, लेकिन ऑपरेशन के दौरान उनके दोनों पैर काटने पड़े थे। इतना ही नहीं इस हादसे में उन्हें अपने हाथ का एक अंगूठा भी गवाना पड़ा था। जिसके बाद वे जीवन भर के लिए विकलांग हो गए।
SCDRC ने जारी किए निर्देश
इस घटना के बाद पीड़ित के परिजनों ने इसकी शिकायत मड़ियांव पुलिस थाने में की थी, लेकिन मामले की कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में ये मामला राज्य उपभोक्ता विवाद एवं प्रतितोष आयोग पहुंचा। जहां, पिछले काफी समय से मामले की सुनवाई चल रही थी और अब जाकर कहीं सोनू को न्याय मिल पाया है।
मामले की सुनवाई के दौरान आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने यूपी राज्य विद्युत परिषद को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित सोनू को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही 10 लाख रुपये अतिरिक्त मानसिक व आर्थिक कष्ट के तौर पर दिए जाएं।
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