Hathras Gangrape Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो साल पहले गैंगरेप केस में एससी/एसटी कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में चार आरोपियों में से तीन को बरी कर दिया, वहीं एक आरोपी को गैरइरादतन हत्या का दोषी मनाकर आजीवन कारावास की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इस केस का फैसला स्पेशल जज त्रिलोकपाल सिंह ने किया। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में साल 2020 में एक नाबालिक लड़की से गैंगरेप की घटना हुई थी।
बूलगढ़ी में हुए गैंगरेप पर फैसला
हाथरस जिले में स्थित बुलगढ़ी वही जगह है जहां दो साल पहले एक नाबालिग से गैंगरेप की घटना हुई थी। इसके बाद राजनीतिक दलों ने यहां पर आकर अपना विरोध दर्ज किया था। गुरुवार को दो साल में 68 तारीख और 35 गवाहों की गवाही के बाद कोर्ट ने इसपर फैसला सुनाया। इस फैसले से लोग अचंभित हैं क्योंकि 4 दोषियों में केवल एक को सजा मिली है बाकी को दोषमुक्त करार देकर बरी कर दिया गया है। इस घटना की पूरी जांच सीबीआई से करवाई जा रही थी। सीएम योगी ने इस घटना के घटित होने के बाद पुलिस के 5 अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया था। हाथरस केस में जिन तीन लोगों को बरी किया है उनमें रवि, लवकुश और रामू शामिल हैं।
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अदालत के फैसले से पीड़ित पक्ष असंतुष्ट
हाथरस कांड में फैसला आने के बाद से पीड़ित पक्ष के लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा है कि पूरी घटना के मुख्य आरोपी संदीप को हमने सजा दिला दी है। लेकिन अब भी हम चुप नहीं बैठेंगे और इस मामले की हाईकोर्ट में अपील करेंगे। गैंगरेप की वारदात के बाद पीड़िता ने ही चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
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