UP News: उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की तरफ से 72 घंटे कार्य बहिष्कार करने की हड़ताल एक दिन पहले ही वापस ले ली गई। ऊर्जामंत्री से मुलाकात के बाद समिति ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी। इसके साथ-साथ समिति ने हड़ताली कर्मचारियों को निर्देश देते हुए तत्काल ड्यूटी पर पहुंचने और ठप बिजली आपूर्ति को शुरू करने को कहा।
सरकार ने दिखाए तेवर
शनिवार की रात सरकार और बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत फेल हो गई थी। इसके बाद हड़ताली कर्मचारियों पर योगी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए 24 घंटे में ही करीब 3 हजार संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर हंटर चलाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुवे सहित 22 पदाधिकारियों एस्मा की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसके अलावा पूर्वांचल तथा दक्षिणांचल के क्रमशः 20 तथा 14 इंजीनियरों के खिलाफ भी सरकार ने एस्मा की कार्रवाई तामील कर दी। 6 को सस्पेंड कर लखनऊ से दूर ट्रांसफर करने के आदेश जारी कर दिए गए । किन्तु आज हड़ताली नेता एक बार फिर ऊर्जामंत्री एके शर्मा तथा यूपीपीसीएल के चेयरमेन एम देवराज के साथ बातचीत की मेज पर बैठे। इस बैठक के बाद सकारात्मक वार्ता के होने के संकेत दे दिए गए।
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जानें आज बैठक में क्या मिला आश्वासन
बैठक के बाद संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुवे ने बाहर आकर कहा कि हम किसी कीमत पर प्रदेश की आम जनता को तकलीफ नहीं देना चाहते थे। सरकार ने सकारात्मक माहौल में समझौते को लागू करने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद हमने हड़ताल वापल लेने का फैसला कर लिया। लेकिन बिजली कर्मी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। वहीं दूसरी ओर ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने हड़ताली कर्मियों को आश्वासन के बारे में पूंछा गया तो उन्होंने कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति तथा राज्य सरकार के बीच हुई आज की बैठक सकारात्मक रही। कर्मचारी समिति की जो भी भावनाएं और मांगें हैं उनको पूरा करने का पूरा प्रयास है। आंदोलन के बीच कर्मचारियों पर की गई कार्यवाहियों को वापस लेने के निर्देश भी यूपीपीसीएल को दे दिए गए हैं।
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