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UP News: Meerut, Lucknow के साथ कई प्रमुख जिलों में लागू हुआ मास्टर प्लान, जानें कैसे बढ़ जाएगी चका-चौंध?

UP News: यूपी में CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने मेरठ, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, फिरोजाबाद समेत कई प्रमुख जिलों में नया मास्टर प्लान लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब शहरों में मनमाने तरीके से निर्माण पर रोक लगेगी और इन्हें सुनियोजित तरीके से बसाया जा सकेगा।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

UP News: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में चल रही सरकार ने, बहुप्रतिक्षित नए मास्टर प्लान को शासन स्तर से मंजूरी दे दी है। इसके तहत मास्टर प्लान की मंजूरी पाने वाले शहरों में अब मनमाने तरीके से निर्माण कार्य पर रोक लग सकेगी। इसके अलावा नए मास्टर प्लान के प्रभावी होने के साथ यूपी (UP News) के शहरों को सुनियोजित तरीके से बसाया जा सकेगा और इनकी चका-चौंध बढ़ाई जा सकगी।

यूपी सरकार ने जिन जिलों में नए मास्टर प्लान को मंजूरी दी है उसमें प्रमुख रूप से लखनऊ (Lucknow), मेरठ (Meerut), गोरखपुर, वाराणसी, मथुरा, आजमगढ़, अलीगढ़ व बस्ती जैसे जिले शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि नए मास्टर प्लान प्रभावित होने के साथ ही इन सभी जिलों का दायरा बढ़ेगा और यहां आवासीय एवं व्यवसायिक योजनाएं लाई जा सकेंगी।

UP के इन प्रमुख जिलों में लागू हुआ मास्टर प्लान

उत्तर प्रदेश सरकार के आवास विभाग ने राज्य के 20 जिलों व शहरों में नया मास्टर प्लान लागू कर दिया है। इसमें प्रमुख रूप से लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी, मथुरा, आजमगढ़, अलीगढ़, बस्ती, शिकोहाबाद, मुरादाबाद, बरेली, अमरोहा, अयोध्या, सहारनपुर, रामनगर-मुगलसराय, गजरौला विकास प्राधिकरण, पीलीभीत, फिरोजाबाद, ओरई व हापुड़ जैसे जिले व शहर शामिल हैं।

कैसे बढ़ेगी चका-चौंध?

यूपी के कुछ प्रमुख शहरों व जिलों में नए मास्टर प्लान लागू होने के बाद अब इनका दायरा बढ़ जाएगा। दायरा बढ़ने के कारण सभी शहरों के विकास प्राधिकरण आवासीय एवं व्यवसायिक योजनाओं को ला सकेंगे। इसके अलावा विकास कार्यों के लिए किसान से जमीन भी अधिग्रहण किया जा सकेगा। आवास विभाग का दावा है कि नए मास्टर प्लान के लागू होने के बाद शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन फील्ड व पार्क आदि के निर्माण कार्य कराए जा सकेंगे और इन आधुनिक व्यवस्थाओं के कारण चका-चौंध बढ़ सकेगी।

नए मास्टर प्लान के लागू होने के साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि आवासीय भूमि पर व्यवसायिक निर्माण न हो। इसके अलावा पार्क व ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित की गई भूमि पर व्यवसायिक व आवासीय निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।

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