UP News: यूपी में विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान ‘योगी सरकार’ ने सभी को चौंकाते हुए ‘लव जिहाद’ संबंधी विधेयक को पेश कर विधानसभा से पास करा लिया है। ऐसे में अब ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए नया कानून प्रभाव में आ गया है। लव जिहाद संबंधी काननू को लेकर यूपी (UP News) में सियासी जंग भी छिड़ गई है और यूपी कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने ‘योगी सरकार’ पर जमकर निशाना साधा है। ऐसे में आइए हम आपको यूपी में लव जिहाद को लेकर छिड़ी सियासी जंग और इस कानून के बारे में विस्तार से बताते हैं।
लव जिहाद लॉ पर छिड़ी सियासी जंग!
यूपी सरकार ने बीते दिन विधानसभा से ‘लव जिहाद’ रोकने वाले बिल यूपी विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध 2021 संशोधन विधेयक को बहुमत के साथ पास करा दिया। इसी के साथ अब लव जिहाद संबंधी मामलों में सजा का प्रावधान बढ़ गया है। योगी सरकार के इस फैसले को लेकर यूपी में सियासी जंग भी छिड़ी है और सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी वर्तमान सरकार पर जमकर हमला बोला है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि यूपी सरकार रोज नए-नए कानून बनाती है जबकि ये खुद कानून को मानने वाले लोग नहीं है। वर्ष 2021 में भी ये लव जिहाद के संबंध में कानून लेकर आए थे और उसमें 10 साल सजा का प्रावधान था। हालाकि अब ये विधेयक में उम्रकैद का प्रावधान लाए हैं। इसमें जब भी मुकदमा दर्ज हो तो मामले की पूरी जांच हो, अन्यथा कोई गलत तरीके से फंसा तो जीवन बर्बाद होगा।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान यूपी सरकार से और क्या ही उम्मीद करोगे। ये नौकरी नहीं देंगे बस लोगों को छलने का काम करेंगे। ये आगामी चुनाव में भी हारने जा रहे हैं और इस देश से सांप्रदायिकता की राजनीति खत्म होने जा रही है।
क्या है नया कानून?
यूपी सरकार ने लव जिहाद से जुड़े यूपी विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध 2021 में संशोधन कर इसे और सख्ती के साथ लागू किया है। यूपी सरकार द्वारा पास किए गए संशोधन विधेयक के तहत अब ‘लव जिहाद’ करने वालों को न्यूनतम 20 साल की सजा, आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। बता दें कि पहले इस बिल के द्वारा लव जिहाद करने वालों के लिए 10 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान था।
योगी सरकार द्वारा लव जिहाद संबंधी कानून में किए गए संशोधन के तहत अब इसका सेशन कोर्ट में ट्रायल के साथ ही गैर जमानती होगा और अब मामले की शिकायत किसी भी व्यक्ति के द्वारा की जा सकती है जो कि पहले सिर्फ पीड़ित कर सकता था।