UP News: यूपी सरकार राज्य में विद्यालयों के संचालन को लेकर अब सख्त नजर आ रही है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य भर में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि राज्य में ऐसे कई सारे परिषदीय प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल हैं जिन पर बगैर मान्यता के संचालन का आरोप है। सरकार ने इस क्रम में अपना रुख स्पष्ट करते हुए सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल के संचालकों को सजा देने की बात कही है। सरकार के निर्देश के बाद दावा किया जा रहा है कि राज्य में त्योहारों के बाद गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ सघन अभियान देखने को मिलेगा।
इन वजहों से होगी कार्रवाई
यूपी सरकार ने राज्य में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे सभी स्कूलों पर कार्रवाई करने की बात कही है। सरकार की ओर से कहा गया है कि जो स्कूल बगैर मान्यता के या फिर मान्यता के मानकों के खिलाफ संचालित हो रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जारी किए गए निर्देश के तहत कहा गया है कि बिना मान्यता के संचालित हो रहे या मान्यता रद्द होने के बाद भी संचालित हो रहे स्कूलों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और इसका रिपोर्ट 22 नवंबर तक शासन को सौंपा जाए।
क्या कहता है मान्यता का नियम?
यूपी में स्कूलों के संचालन के लिए राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है। मान्यता प्राप्त करने के लिए स्कूलों के पास अपना या लीज पर लिया भवन होना अनिवार्य है। वहीं खेल के मैदान के साथ कक्षाओं की संख्या भी मान्यता के अनुरुप में होनी चाहिए। इसके अलावा जिन विषयों की पढ़ाई हो रही हो उन विषयों के शिक्षकों का होना भी अनिवार्य है। वहीं विद्यालय में पेय जल, प्रसाधन व अग्नि सुरक्षा के कड़े इंतेजाम भी होने चाहिए तब जाकर शासन की ओर से विद्यालय संचालन के लिए मान्यता दी जाती है।
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