UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने अपने प्रचार- प्रसार में जुट गई है। ऐसे में निकाय चुनाव में चल रहे आरक्षण के मामले को लेकर बड़ी खबर आ रही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय कि तरफ से पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति की आरक्षण पर उसकी मसौदा अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
आपत्तियां दाखिल करने के लिए सरकार ने दिया था समय
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 30 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर कहा गया था कि राज्य में होने वाले निकाय चुनाव में आरक्षण के मामले को लेकर लोग अपनी आपत्तियां भेज सकते हैं। वहीं अभिनव नाम के एक व्यक्ति ने इन आपत्तियों को लेकर याचिका दायर कर दी। इसकी सुनवाई करते हुए जज प्रितिंकर दिवाकर और सौमित्र दयाल ने सरकार को सभी आपत्तियों की सही तरीके से जांच कर 6 अप्रैल तक जमा करने के लिए कहा था।
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कोर्ट ने कही ये बात
शुक्रवार को कोर्ट की तरफ से इन आपत्तियों को लेकर कहा गया कि यह उन सभी मामलों पर लागू होगा जहां पर लोगों ने तय समय के अनुसार आपत्ति दी है। वहीं अदालत की तरह से अब इस आपत्ति के मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 मई तय की गई है। याचिकाकर्ता अभिनव के वकील ने कोर्ट से कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार 6 अप्रैल तक प्राप्त सभी आपत्तियों पर फैसले लेने के लिए बाध्य है। इस सुनवाई के बाद अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने जो भी याचिका डाली है उसमें किसी भी प्रकार की कोई आपत्ती नही है और राज्य के अधिकारी तय समय के भीतर ही विचार कर रहे हैं।