UP Politics: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से कवायद शुरू हो गई है। जहां विभिन्न पार्टियां एक मंच पर आने को लेकर गठबंधन तैयार करने में जुटी हुई हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में स्थिति बिल्कुल अगल है। यहां बहुजन समाज पार्टी की रणनीति SP और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाती दिख रही हैं।
कांग्रेस ने लिए आसान नहीं होगा गठबंधन
BSP ने पहले ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंक रखा है। उधर SP मुखिया अखिलेश यादव भी कई मौकों पर संकेत दे चुके हैं अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ तो उसे राज्य में कुछ सीटें ही दी जाएंगी। उनका दावा है कि राज्य में कांग्रेस का जनाधार सिमट चुका है। अब यह देखने वाली बात होगी की BJP के खिलाफ बनने वाले गठबंधन में कांग्रेस कितनी कुर्बानी देगी।
UP में BSP के बिना गठबंधन बनाना मुश्किल
ऐसा नहीं है की यूपी में सिर्फ SP और कांग्रेस के गठबंधन से ही बात बन जाएगी। साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम इस बात की गवाही देते हैं। राज्य में बिना BSP के कोई गठबंधन अपना पूर्ण आकार लेता नहीं दिख रहा है। यह बात सच है बीते तीन बार से BSP को विधानसभा चुनाव में साल 2014 के बाद से लोकसभा चुनावों में भी मुंह की खानी पड़ी है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि पार्टी का अपना वोट बैंक है।
दलित और मुस्लिम वोटबैंक का समीकरण
दावा किया जाता है कि उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी आबादी दलितों की है। वहीं 18 फीसदी मुस्लिम हैं। ऐसा माना जाता है कि BSP के दलित वोटबैंक में BJP ने सेंध लगा दी है। वहीं मुस्लिमों के वोट पर SP और BSP का हिस्सा साझा है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि बिना BSP के राज्य में कोई गठबंधन कारगर नहीं हो सकता है।
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