Sunday, November 3, 2024
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UP Politics: दलितों को लुभाने के लिए सपा ने बनायी ये रणनीति, 2024 की तैयारी में जुटे अखिलेश!

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UP Politics: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2024 को लेकर अभी से नई बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। इस बार समाजवादी पार्टी ने पार्टी से दलितों को जोड़ने के लिए बाबा साहब वाहिनी फ्रंटल संगठन का गठन कर दिया है। ताकि सपा में डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों का भी समावेश हो जाए। इस संबंध में सपा की कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया गया था। जिसकी आज घोषणा कर मूर्तरूप देने की तैयारी है।

क्या होगी इस बाबा साहब वाहिनी की जिम्मेदारी

बाबा साहब वाहिनी दलितों के बीच जाकर सपा की नीतियों, विचारों प्रचार प्रसार करके यह समझाने की कोशिश करेगी। कि समाजवादी राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों में बहुत समानता थी। वही यह बाबा साहब वाहिनी बदले राजनीतिक वातावरण में संविधान पर छाए संकट बादल को सिर्फ समाजपार्टी ही दूर करने में सक्षम है। यह वाहिनी मुख्य रूप से दलितों के मुद्दों पर मुखरता से वैचारिक अभियानों को चलाएगी। धरना- प्रदर्शनों का आयोजन करेगी।

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वाहिनी का रणनीतिक उद्देश्य

कोलकाता की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुआ, उसके मुताबिक समाजवादी पार्टी को अपने दायरे को बढ़ाने के लिए अन्य विचारों को पार्टी में समाहित किए बिना राजनीति उद्देश्य और हितों की पूर्ति संभव नहीं है। इसके लिए नए विचारों को जगह देने के लिए इस संगठन की पहली जरूरत महसूस की गई। इस वाहिनी के सहारे पार्टी अब रामजीलाल सुमन, अवधेश प्रसाद से आगे बसपा से किनारे किए गए उन नेताओं को सपा से जोड़ने पर नजर रख रही है। जो जल्दी ही सपा में शामिल होने वाले हैं। इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज,केके गौतम को अखिलेश यादव ने जिम्मेदारी सौंपी है।

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Hemant Vatsalya
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Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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