Thursday, December 19, 2024
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तपती गर्मी के बीच वाराणसी में बदहाल हुए गंगा घाट! रिकॉर्ड नीचले स्तर तक पहुंचा नदी का पानी; यहां देखें वीडियो

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Varanasi News: वाराणसी का नाम जहन में आते ही पवित्र गंगा नदी का जिक्र होना लगभग तय है। माना जाता है कि वाराणसी (काशी) को गंगा नदी के कारण ही खूब ख्याति मिली और इसी क्रम में देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोग वाराणसी के अलग-अलग गंगा घाटों पर प्रकृति का मनोरम दृश्य देखने भी आते हैं। हालाकि इस दिनों भीषण गर्मी के बीच गंगा नदी की चौड़ीई सिमटती नजर आ रही है।

समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें वाराणसी में गंगा तट पर स्थित एक घाट की बदहाल अवस्था को देखा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक गंगा नदी के जलस्तर में रिकॉर्ड गिरावट हुई है और ये आंकड़ा अब तक के न्यूनतम 189 फीट तक पहुंच गया है। बता दें कि गंगा नदी से पंपिंग स्टेशन के माध्यम से जल खींच कर आधे से ज्यादा वाराणसी को पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में अगर ये संकट बढ़ता रहा तो आगामी दिन में वाराणसी को जल की कमी से जूझना पड़ेगा।

भीषण गर्मी के बीच बदहाल हुए घाट

वाराणसी में गंगा नदी के तट लगभग 88 घाट हैं जिसमें ललिता घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, सिंधिया घाट, मान-मंदिर घाट, बछराज घाट, पांडेय घाट, व सक्का घाट को प्रमुख माना जाता है। हालाकि तपती गर्मी के बीच इन घाटों की स्थिति बदहाल होती जा रही है।

समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक गंगा नदी की चौड़ाई अब सिमटकर 30 से 35 मीटर तक पहुंच गई है जो कि पहले 70 से 80 मीटर होती थी। गंगा नदी का जलस्तर कम होने के कारण ही पानी अब घाटों से नीचे जा रहा है और जगह-जगह टूटी नाव, बिखरा हुआ कचरा व टूटे पत्थर घाटों की प्राकृतिक सुंदरता को खराब कर रहे हैं।

जलस्तर कम होने का कारण

वाराणसी के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी गंगा नदी का जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है। इसका सबसे प्रमुख कारण है समय पर वर्षा न होना। दरअसल मॉनसून में लेट होने की वजह से बारिश नहीं हो रही है और तपती गर्मी भी पड़ रही है जिसकी वजह से गंगा नदी का जलस्तर कम हो रहा है।

इसके अलावा पर्यावरण से खिलवाड़ व ग्लेशियर का पिघलना भी गंगा नदी के जलस्तर कम होने का एक कारण माना जा रहा है। बता दें कि ग्लेशियर व बर्फ के पहाड़ ही गंगा समेत अन्य दर्जनों नदियों के लिए आधार माने जाते हैं। ऐसे में अगर इनके आस्तित्व पर संकट आया तो गंगा व अन्य नदियों पर भी इसका असर पड़ेगा।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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