Wrestlers Protests: पहलवानों और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बीच चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ पहलवानों के द्वारा लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं वहीं सांसद बृजभूषण शरण सिंह के द्वारा इन सभी आरोपों को निराधार बताया जा रहा है। ऐसे में इस विवाद को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। गुरुवार को दिल्ली पुलिस के द्वारा निचली अदालत में बचे हुए पीड़ितों के बयान को दर्ज करने के लिए एक अर्जी दाखिल की गई।
कोर्ट की फटकार के बाद ही दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दायर किया था। ऐसे में अब सभी पहलवानों के बयान लेने की प्रकिया शुरू हो गई है और बुधवार को सबसे पहले पुलिस के द्वारा पीड़ित नाबालिक लड़की का बयान लिया गया था। वहीं आदलत ने सभी पीड़ितों के बयान को लेकर 12 मई तक एक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था।
दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी
दिल्ली की निचली अदालत के द्वारा पुलिस को एक नोटिस भी जारी किया गया। यह नोटिस पहलवानों के द्वारा दायर किए गए याचिका के बाद जारी हुआ है। बता दें कि इस याचिका में पहलवानों ने कहा है कि पूरे मामले की अच्छे से जांच की जाए साथ ही पीड़ितों के बयान कोर्ट रूम में दर्ज हो। ऐसे में नाबालिक पीड़िता का बयान बुधवार को मजिस्ट्रेट के सामने ही दर्ज किया गया था। वहीं बचे हुए 6 पहलवानों के बयान को भी दिल्ली पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करेगी।
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मानवाधिकार आयोग ने भी भेजा नोटिस
भारतीय मानवाधिकार आयोग के द्वारा इस मामले को गंभीरता से न लेने पर खेल मंत्रालय, कुश्ती महासंघ, भारतीय खेल प्राधिकरण और बीसीसीआई को एक नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में सभी खेल से जुड़े लोगों को भी 4 हफ्ते के अंदर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया था देश में पांच खेलों समेत किसी के पास भी आंतरिक शिकायत समिति नहीं है। वहीं चार समिति ऐसे हैं जिनके पास उस लायक सदस्य नहीं है।
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