Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा में आज समान नागरिक कानून विधेयक पेश कर दिया गया। बता दें कि विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिल पेश किया। यूसीसी के तहत, लिव-इन पार्टनर्स को अपना पंजीकरण कराना होगा नही तो उन्हें छह महीने तक की कैद और 25000 रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले आज यूसीसी बिल राज्य विधानसभा में पेश किया गया।
Uttarakhand News: उत्तराखंड UCC के तहत महत्तवपूर्ण नियम
●उत्तराखंड में प्रस्तावित UCC के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना बयान दर्ज कराए एक महीने से अधिक समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है, तो उन्हें दंडित किया जा सकता है और तीन महीने तक की जेल या 10000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
●लिव-इन पार्टनर्स के बयान स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को भेजे जाएंगे।(UCC) यदि बयान में दिया गया विवरण गलत निकला तो अधिकारियों द्वारा पुलिस स्टेशन को सूचित किया जाएगा।
●उत्तराखंड यूसीसी के अनुसार, एक महिला जिसे लिव-इन रिलेशनशिप में छोड़ दिया गया है, वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है और भरण-पोषण का दावा करने की हकदार है।
● यूसीसी प्रावधानों के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले बच्चे को जोड़े का वैध बच्चा घोषित किया जाएगा।
Uttarakhand News: लिव-इन रिलेशनशिप खत्म करने का नियम
●अगर लिव-इन रिलेशनशिप कपल अपने रिश्ते को समाप्त करना चाहे तो, लिव-इन रिलेशनशिप के दोनों साथी, या उनमे से कोई भी इसे समाप्त कर सकता है। इसके साथ ही निर्धारित प्रारूप और निर्धारित तरीके से रजिस्ट्रार को रिश्ता समाप्ति का विवरण प्रस्तुत कर सकता है।
●अगर कपल में से केवल एक ही लिव-इन रिलेशनशिप को समाप्त करता है तो ऐसे बयान की एक प्रति दूसरे साथी को प्रदान करनी होगी।(Uttarakhand News) इसके लिए धारा 384 के तहत रजिस्ट्रार दूसरे साथी को ऐसे बयान के बारे में सूचित करेगा।
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