375 करोड़ के इस नए प्रोजेक्ट्स से भारतीय सीमा होगा और अधिक शश्क्त, अब नहीं चलेगी चीन की चाल
Uttarakhand News: भारतीय सेना के पराक्रम से हर कोई वाकिफ है। रात के अंधेरे में भी पलक झपकते किसी दुश्मन को मारने में काबिलियत होती है। इसी अंधेरे को अब दूर करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। अक्सर पहाड़ी इलाकों में रात के समय में पट्रोलिंग पट्रोलिंग (पहरेदारी) के लिए सोलर लाइट या फिर अन्य प्रकार के टेम्पोरोरी लाइट्स का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में अब यह परेशानी दूर होने वाली है। दरअसल प्रस्ताव में 375 करोड़ रुपए से तैयार होने वाली बॉर्डर बिजली नेटवर्क स्थापित करने की बात कही गयी है। इससे उत्तराखंड से साझा होने वाली चीन-नेपाल बॉर्डर जगमगा उठेगा।
केंद्र सरकार को भेजा 375 करोड़ रुपए का प्रस्ताव
चालबाज चीन की हड़प नीति से समूचा विश्व वाकिफ है। ऐसे में भारत के जवान बॉर्डर पर मुस्तैदी से सीना ताने खड़े रहते हैं। बता दें कि चीन से भारत के कई राज्य सीमा साझा करते हैं। इनमें से कुछ पहाड़ी राज्य भी है। उत्तराखंड उनमें से एक है। वह नेपाल और चीन दोनों से सीमा साझा करता है। ऐसे में यहां सेना के लिए अब बिजली नेटवर्क स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को 375 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है।
यूपीसीएल बिछाएगा बिजली का नेटवर्क
यूपीसीएल की बिजली नेटवर्क से बॉर्डर एरिया जगमगा उठेगी। ऐसे में चालबाज चीन का कोई भी मंसूबा अब कारगर नहीं होगा। चीन अक्सर बॉर्डर एरिया को लेकर LAC पर भारत से झड़प करता है। तब भारतीय जवान इसका माकूल जवाब देते हैं। बहरहाल चीन के लिए भारतीय सेना काफी है। लेकिन बिजली जाल (नेटवर्क) की बात करें तो उत्तरकाशी, धारचूला, चंपावत में बिजली जल्द पहुंच जाएगी। इसके अलावा खबर है, कि सेना (आईटीबीपी, SSB) के लिए तेजी से सड़कों पर भी कार्य चल रहा है। भारत अब उन सभी दुर्गम स्थानों तक पहुंचने वाला है। जिससे की भारतीय बॉर्डर और अधिक सशक्त हो सके।
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