Uttarakhand News: शिक्षा विभाग एससीईआरटी के साथ मिलकर एक नई योजना तैयार कर रहा है। उत्तराखंड शिक्षा अधिकारी रायपुर विनोद कुमार की अनुसार शिक्षा विभाग बच्चों की बस्ती का बोध हल्का करनी और होम्वोर्क को कम करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा स्कूलों में भी जांच चल रही है ताकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की समस्याओं को कम किया जा सके।
बच्चों के बस्ते का बोझ जल्द ही किया जाएगा कम
शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के बच्चों की महंगी किताबों का दोस्तों कम करने की तैयारी में है ही साथ ही बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की तैयारी में भी लगी हैं। ऐसे में कक्षाओं के मुताबिक छात्रों को किताबें दी जाएंगी ताकि उनके बस्ते का बोझ कम हो सके। इसके अलावा पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को होमवर्क ना दिए जाने का निर्देश भी दिया जाएगा। वही कक्षा 3 के छात्रों को सप्ताह में केवल 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। शिक्षा विभाग इस संबंध में एससीईआरटी के साथ मिलकर तैयारियों में जुटी है।
1 सप्ताह के अंदर की जाएगी पूरी प्रक्रिया
शिक्षा विभाग की ओर से चार टीमों का गठन किया गया है। यह चार टीम अलग अलग ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी की देखरेख में बनाई गई है। रोजाना इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं कि निजी स्कूल फीस में बढ़ोतरी की जा रही हैं। इसके साथ ही स्कूल ड्रेस को बदलने की भी तैयारी की जा रही है। इसके अलावा किसी एक ही दुकान से किताब खरीदने की सलाह दी जा रही है और यह भी कहा जा रहा है कि एनसीईआरटी की महंगी किताबों के अलावा अन्य पब्लिकेशन की किताबें खरीदी जाए। इन मामलों से जुड़ी तैयारियों के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है और 1 सप्ताह के अंदर ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
स्कूल ड्रेस बदलने के साथ महंगी किताबों से छुटकारा दिलाने की तैयारी
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल की महंगी किताबों से छुटकारा दिलाने के लिए इस बात पर जोर दिया है कि लोग एक ही दुकान से किताबे खरीदें। इसके साथ ही एनसीईआरटी की महंगी किताबों के अलावा अन्य पब्लिकेशन की बुक खरीदी जाए ताकि यह बच्चों के पेरेंट्स की जेब पर भारी ना पड़े। इसके साथ ही शिक्षा विभाग निजी स्कूल के ड्रेस को बदलने की तैयारी में है। साथ ही बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने के साथ-साथ होमवर्क को भी कम किया जाएगा। शिक्षा विभाग इस बार कक्षाओं के अनुसार होमवर्क दिए जाने पर जोर दे रहा है। इस योजना के तहत पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को बिल्कुल भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा ताकि विद्यार्थी पर इतनी कम उम्र में किसी तरह का बोझ ना हो।