AIIMS Rishikesh: आज के समय में ड्रोन के माध्यम से कामों को आसान बनाने के लिए कई तरह के ट्रायल किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक ट्रायल एम्स ऋषिकेश की तरफ से किया गया। एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन के माध्यम से लोगों के पास दवा जल्द पहुंचाने सफल तरीके का परीक्षण किया। बता दें कि एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के माध्यम से टिहरी अस्पताल में दवा भेजा जाना था जो आधे घंटे के भीतर आसानी से पहुंच गया। यह दवा टीवी के मरीजों के लिए थी। इस परीक्षण के बाद एम्स ऋषिकेश ड्रोन के माध्यम से दवा भेजने वाला देश का पहला अस्पताल बन गया है। गुरुवार को दवा भेजने का यह सफल ट्रायल किया गया। ऐसे में दवा भेजने के इस ड्रोन की और क्या खासियत है आइए जानते हैं।
क्या है ड्रोन की खासियत
एम्स ऋषिकेश ने गुरुवार को जिला अस्पताल बौराडी में ड्रोन के माध्यम से दवाई पहुंचाई। वहां उपस्थित डॉक्टर की मानें तो यह ड्रोन दो किलो टीबी के मरीजों की दवाई लेकर जिला अस्पताल बौराडी पहुंचा। बता दें कि यह ड्रोन 3.5 किलो भार उठा सकता है और एक बार में 100 किमी तक उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन को पूरी तरह से ऑटोमेटिक बनाया गया है। जहां भी इस ड्रोन को भेजना है केवल रूट मैप फीड करने की जरुरत है। आसमान में उड़ रहे पंक्षियों से बचाव के लिए ड्रोन में बेहतरीन तरीके का सेंसर भी लगा हुआ है।
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मरीजों के पास जल्द पहुचेंगी दवाई
इस ड्रोन के सफल परीक्षण के बाद एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक ने कहा है कि ” उत्तराखंड के ऐसी जगहों पर जहां दवाई पहुंचनें में ज्यादा समय लगता है, उन स्थानों के लिए ड्रोन बेहतर विकल्प साबित होगा। इस विकल्प पर एम्स ऋषिकेश के लोगों ने काम किया और गुरुवार को इसका सफल परीक्षण करके दिखा दिया। इस ड्रोन का परीक्षण ऋषिकेश से लगे हुए 20 किमी के अलग – बगल के क्षेत्रों में किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा।” इस परिक्षण के बाद अब मरीजों के पास जल्द से जल्द दवा पहुंचेगी।
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