CM Dhami: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार नदियों की सुरक्षा के लिए बैठक कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीएम राज्य में चार नदियों की खुदाई के लिए केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से अनुमति मांगी है। इन नदियों में गौला, शारदा, दाबका तथा कोसी शामिल है। सीएम धामी ने अपने दिल्ली दौरे के समय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की है और उनसे 10 वर्ष तक के लिए खनन को लेकर अनुमति मांगी है।बताया जा रहा है कि यह स्वीकृति केंद्रीय मंत्री के द्वारा मई तक प्रदान की जा सकती है।
केंद्र सरकार की स्वीकृति को बढ़ाने की अनुमति
सीएम धामी ने इन नदियों के खनन को लेकर कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से 28 फरवरी 2023 तक वन स्वीकृति दी गई हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री से गुजारिश करता हूं कि इसे मई 2023 तक के लिए बढ़ा दिया जाए। इसके साथ ही सीएम ने वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत इन स्वीकृतियों को नवीनीकृत के साथ अगले दस वर्ष तक बढ़ाने की मांग भी की है। वहीं माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री की तरफ से इस स्वीकृति पर जल्द ही मुहर लग सकती है।
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आरबीएम हटाया जाना है आवश्यक
मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को ध्यान में रखकर इन नदियों के खनन के लिए केंदीय मंत्री से गुजारिश की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि “पर्वतीय नदियों में मानसून के दौरान जमा उपखनिज को नदी के किनारे पर स्थित तटबंध बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन के समय में भी उपखनिज की जरुरत पड़ती है। बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने पर उपखनिज को निकालने में दिक्क्त होती है।”
आम जनता व विशेष रूप से किसानों के नदी तटीय अधिकारों के संरक्षण के लिए भी नदियों से आरबीएम हटाया जाना आवश्यक है। बता दें कि आरबीएम की उपलब्धता सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक व सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार के लिए किया जाता है। इसके साथ ही यह उत्तराखंड के किसानों को रोजगार भी प्रदान करता है।
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