Ganga Dussehra 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार गंगा दशहरा को ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि पर मनाया जाता है। वर्ष 2024 की बात करें तो इस बार गंगा दशहरा 16 जून यानी रविवार के दिन मनाया जाएगा। गंगा दशहरा के दिन देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित गंगा नदी के घाट पर श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगाते हैं और पूजन करते हैं। इसमें सबसे प्रमुख होता है हरिद्वार में हर की पौड़ी का घाट। दरअसल इस घाट पर लाखों की संख्या में भक्त आस्था की डूबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2024) के अवसर पर हरिद्वार में इस बार भी लाखों की संख्या में भक्तों के आने के आसार हैं। दावा किया जा रहा है कि इस बार हरिद्वार के हर की पौड़ी पर आने वाले भक्तों की संख्या 25 लाख तक दर्ज की जा सकती है। गंगा दशहरा पर्व को देखते हुए ही उत्तराखंड शासन के निर्देश पर हरिद्वार के चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में फोर्स तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य का पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है और हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश व अन्य स्थलों पर गस्त की जा रही है जिससे कि गंगा दशहरा पर किसी तरह की अनियमितता ना हो सके।
गंगा दशहरा पर्व पर लगेगी आस्था की डूबकी
गंगा दशहरा पर्व पर देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित गंगा घाट पर आस्था की डूबकी लगेगी। इसमें हरिद्वार की हर की पौड़ी घाट को लेकर खूब चर्चाएं हैं। दरअसल हर की पौड़ी पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, पंजाब व कश्मीर तक के लोग पहुंचते हैं। ऐसे में हरिद्वार में पहुंचने वाले भक्तों की संख्या ज्यादा हो जाती है। शासन-प्रशासन का भी दावा है कि इस बार गंगा दशहरा पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगाने के लिए हरिद्वार पहुंच सकते हैं।
उत्तराखंड सरकार की तैयारी
गंगा दशहरा पर्व को लेकर उत्तराखंड सरकार सजग नजर आ रही है। ताजा जानकारी के अनुसार सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस खास पर्व को लेकर समीक्षा बैठक ली है और हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश व उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में स्थित गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन भी गंगा दशहरा पर्व को लेकर अलर्ट मौड पर है और यातायात से लेकर यात्रियों की सुगम आवागमन के लिए अतिरिक्त संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है।
गंगा दशहरा पर्व की मान्यता
गंगा दशहरा पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस खास पर्व पर गंगा स्नान करने व सूर्यदेव को अर्घ्य देने से जन्म-जन्मांतर में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। इस खास पर्व पर ही लोग गंगा नदी के तट पर पितरों का तर्पण और पिंडदान भी करते हैं। इसके अलावा धार्मिक मान्यता के अनुसार लोग पानी से भरा हुआ घड़ा, सुराही, कलश, अन्न, फल, वस्त्र व द्रव्य भी दान करते हैं।