Uttarakhand News: जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए सीएम धामी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है। इस बांध के लिए चार दशक अधिक समय से मांग की जा रही थी। बांध निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद CM पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जमरानी बांध निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सिंचाई और पेयजल की समस्या खत्म होगी। साथ ही दोनों राज्यों के कई गांव रोशनी से जगमग होंगे।
काफी समय से लटकी हुई थी परियोजना
CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना 1975 से स्वीकृति के चलते अटकी हुई थी। इस परियोजना के लिए जल शक्ति मंत्रालय समेत पीएम से भी अनुरोध किया गया था, जिसके बाद इस परियोजना की राह खुली है। उन्होंने कहा कि जमरानी बांध परियोजना निर्माण की कुल लागत में से 90 फीसदी हिस्से के रूप में भारत सरकार ने 1730.20 करोड़ की स्वीकृति पीएमकेएसवाई के तहत दे दी है।
उत्तर प्रदेश को भी होगा परियोजना का फायदा
उन्होंने कहा कि 10 फीसदी हिस्सा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच पहले हो चुके एमओयू के तहत वहन किया जाएगा। इस परियोजना के तहत हर साल 42 एमसीएम पेयजल की सुविधा मिलेगी। साथ ही 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पीएम जब भी उत्तराखंड आते हैं, तो उत्तराखंड वासियों के लिए एक उत्सव जैसा होता है। उन्होंने हमेशा उत्तराखंड को अपना घर माना है और उसी तरह वह उत्तराखंड का खयाल भी रखते हैं।
जल्द शुरू होगा केदारनाथ रोपवे का काम
CM ने कहा कि 2 दिसंबर 2021 को जब पीएम उत्तराखंड आए थे, उस दौरान लखवाड़ योजना के लिए अनुरोध किया गया था। जिसके बाद 30 दिसंबर को इस परियोजना को भी मंजूरी मिल गई थी। उन्होंने कहा कि तमाम योजनाएं जो लटकी हुई थीं, पीएम मोदी के नेतृत्व में उनको मंजूरी मिली है। साथ ही हल्द्वानी को स्मार्ट सिटी के रूप में बनाने के लिए भी 1600 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब और केदारनाथ रोपवे का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा।
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