Subramanian Swamy: पूर्व केंद्रीय कानूनमंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी (Dr.Subramanian Swamy) ने उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के 228 बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि किसी सर्वदलीय बैठक या फिर किसी अन्य तरीके के साथ न्यायसंगत कार्रवाई कर बर्खास्त कर्मियों के साथ न्याय करें। डॉ स्वामी ने सीएम धामी को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में एक ही तरह से लगे अन्य कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों?
जानें क्या था मामला
आपको बता दें विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा 2016 के बाद से बैकडोर भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती हुए 228 विधानसभा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। बाद में नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी विधानसभा सचिवालय के बर्खास्तगी के इस आदेश को सही ठहराया था। बर्खास्त कर्मचारी पिछले 2 महीने से विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके साथ न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब 2001से लेकर 2015 तक भी एक ही भर्ती प्रक्रिया के जरिए अन्य भर्तियां की गई तब केवल 2016 के बाद भर्ती कर्मियों को ही क्यों बर्खास्त किया गया। ये तो एक ही राज्य में एक ही तरह से लगे कर्मियों के साथ अन्याय है।
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डॉ स्वामी से लगाई थी गुहार
राज्य विधानसभा के बाहर 2 महीने से धरना दे रहे बर्खास्त कर्मियों का साथ देने के लिए सबसे पहले कांग्रेस नेता अनुकृति गुसाई ने प्रदर्शन को समर्थन दिया था। इसके साथ ही युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर भी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। विरोध की इसी कड़ी में बर्खास्त 228 कर्मियों ने पूर्व कानून मंत्री डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को पत्र लिखकर उनसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। जिसको संज्ञान लेते हुए ही डॉ स्वामी ने सीएम धामी को पत्र लिख कहा कि मुझे भी लग रहा है कि कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण अन्याय हुआ है। एक ही राज्य में एक ही तरह से लगे कर्मियों के साथ भेदभाव है। आशा करता हूं कि सीएम कर्मियों को बहाल कर न्याय करेंगे।
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