Uttarakhand: उत्तराखंड की धामी सरकार ने सोमवार 20 मार्च को राज्य की नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी। इस वित्तवर्ष 2023-24 के लिए राज्य सरकार ने 4 हजार करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। जिसको देखते हुए नई आबकारी नीति में सरकार ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश में बिकने वाली रेगुलर ब्रांड की शराब प्रति बोतल 100-300 रुपए तक सस्ती हो सकती है। अब यूपी की तुलना में उत्तराखंड की शराब कीमतों में 20 रुपए से अधिक अंतर नहीं रह जाएगा। जो कि पहले 150-200 रुपए का था।
4 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य
बता दें धामी सरकार ने वित्तवर्ष 2023-24 के लिए 4 हजार करोड़ आबकारी राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है। इसी को देखते हुए नई आबकारी नीति में आवश्यक बदलाव करने के उपाय किए गए हैं। इन्हीं उपायों के तहत राज्य सरकार ने युवा कल्याण तथा खेलकूद विभाग, महिला कल्याण विभाग और गोवंश संरक्षण विभाग के रूप में प्रति बोतल एक-एक रुपए सेस लगाया गया है। जिससे कुल तीन रुपए प्रति बोतल सेस के रूप में लिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे शराब की कीमतों में पड़ोसी राज्य की कीमतों के मुकाबले अंतर कम रखा जा सकेगा और शराब की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। इन उपायों से ही राजस्व लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकेगा।
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नई दुकानों को खोलने की अनुमति
इस नीति के साथ ही राज्य सरकार ने और नई दुकानों को भी खोलने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही शराब को सस्ती करने के उपाय के तहत मिनिमम गारंटी ड्यूटी में कमी करने का कैबिनेट की तरफ से फैसला लिया गया है। एक अनुमान के अनुसार उत्तराखंड में हर रोज 4-5 लाख बोतल शराब बिक जाती है। इस तरह सरकार हर महीने 333 करोड़ राजस्व जुटाना चाहती है। साथ ही हर विभाग को सेस के रूप में 1-1.5 करोड़ राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी।
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