Uttarakhand News: उत्तराखंड राज्य में सिलक्यारा में टनल हादसे में 41 मजदूर बीते 13 दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। 24 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन का 13वां दिन है। 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन को रोकना पड़ा। हादसे वाली जगह पर मौजूद अधिकारियों ने कहा है कि ड्रिलिंग में आ रही एक बड़ी परेशानी आई, जिसके बाद ऑगर मशीन से हो रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा।
एक बार फिर शुरू हुआ ऑगर मशीन का काम
इसी बीच एक खबर आई है, जिसमें बड़ा दावा किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ऑगर मशीन की राह में रोड़ा बने इन लोहे के टुकड़ों को काट दिया गया है। ये बेहद जोखिम भरा और समय लेने वाला काम था। जटिल प्रक्रिया में डेढ़ दिन गुजर गया। अब मशीन के ऑगर दोबारा लगा दिये हैं, ऐसे में अब राह में रोड़ा भी नहीं है। देखें कब तक खुशखबरी आती है।
दो घंटे बाद पाइप को डालेंगे अंदर
उधर, सिलक्यारा सुरंग बचाव पर अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने कहा है कि ‘बरमा ड्रिलिंग मशीन को फिर से जोड़ दिया गया है। वेल्डिंग के बाद एक नया पाइप डाला जाएगा, जिसकी प्रक्रिया में दो घंटे लगेंगे। दो घंटे के बाद, हम पाइप को अंदर धकेलेंगे। मुझे आशा है कि हमें किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।’
वहीं, इससे पहले सिलक्यारा टनल निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले एक्सपर्ट कर्नल परिक्षित मेहरा ने कहा है कि ऑगर मशीन से जल्द ही ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सब कुछ सही रहा तो शाम तक एस्केप टनल का काम पूरा कर लिया जाएगा। अभी फिलहाल 9 से 12 मीटर की ड्रिलिंग ही बाकी है।
क्या है सिलक्यारा सुरंग हादसा
मालूम हो कि 12 नवंबर दिवाली की रात को यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही टनल का एक हिस्सा ढया गया था। इस दौरान 41 श्रमिक टनल के अंदर फंस गए थे। हालांकि, सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।
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