Uttarakhand News: उत्तराखंड के ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में खूब घने-घने जंगल देखने को मिलते है। दावा किया जाता है कि पहाड़ों पर स्थित ये प्राकृतिक वादियां लोगों को अपनी ओर खूब आकर्षित करती हैं। हालाकि इन दिनों वन क्षेत्र के आस-पास रहने वाले लोग ही यहां से भागने को मजबूर हैं। इसका प्रमुख कारण है वनों में धधकती आग की लपटें।
उत्तराखंड के कई वन क्षेत्र विगत कुछ दिनों तक अग्नि की चपेट में थे जिस पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश करती नजर आई। सरकार का दावा है कि अब ज्यादातर वन क्षेत्रों में धधकती आग पर काबू पा लिया गया है और इसी क्रम में वनाग्नि समस्या के पूर्णत: निजात पाने के लिए धामी सरकार की ओर से खास प्लानिंग की गई है। ताजा जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार जंगलों में आग लगने के प्रमुख कारक पिरुल को 50 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेगी जिससे कि जंगलों की आग लगने वाली घटनाओं पर काबू पाया जा सके और लोगों को भी फायदा मिल सके।
धामी सरकार की खास प्लानिंग
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य के ज्यादातर वन क्षेत्रों लगने वाले आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। धामी सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सरकार जंगलों में आग लगने की घटनाओं के एक प्रमुख कारण “पिरुल’ की खरीदारी करेगी।
उत्तराखंड शासन की ओर से इस खास अभियान को ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ योजना नाम दिया गया है। इसके तहत प्रदेश के आम नागरिक जंगलों से बड़ी संख्या में पिरुल को इकट्ठा कर 50 रुपये किलो की दर से सरकार को बेच सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं।
सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि “इस अभियान से वर्तमान में वनाग्नि की घटनाएं काफी कम हो गई हैं साथ ही वन क्षेत्र के पास रहने वाले ग्रामीणों की आमदनी भी हो रही है।”
पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ अभियान को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इससे लोगों को आय भी हो सकेगा और जंगलों में होने वाली वनाग्नि की घटनाएं भी कम होंगी जिससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।